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हिमाचल प्रदेश की नदियों और खड्डों में 15 सितंबर तक खनन पर प्रतिबंध

Ban on mining in rivers and ravines of Himachal Pradesh till September 15

नूरपुर, 11 जुलाई राज्य खनन विभाग ने नदियों, नालों और अन्य जल निकायों में सभी खनन गतिविधियों पर ढाई महीने की अवधि के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश 15 सितंबर तक लागू रहेगा।

निचले कांगड़ा के नूरपुर, इंदौरा, जवाली और फतेहपुर उपखंडों में अवैध खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है, क्योंकि स्थानीय नालों और नदियों के पास स्थापित स्टोन क्रशर मानदंडों का उल्लंघन करते हुए नदी के तल से खनिज निकालने के लिए जेसीबी मशीन और पोकलेन जैसी प्रतिबंधित मशीनों का उपयोग करते हैं। स्टोन क्रशर मालिकों द्वारा मशीनों का उपयोग करके नदी के तल में बड़ी-बड़ी खाइयाँ खोदी गई हैं।

जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी विभिन्न विभागों के 36 श्रेणी के अधिकारियों को सौंपी है। लेकिन, व्यावहारिक रूप से केवल पुलिस विभाग ही निचले कांगड़ा क्षेत्र में चक्की, छोंछ और ब्यास नदियों से खनिज निकालने में इस्तेमाल की जा रही मशीनरी को जब्त करने और भारी जुर्माना लगाकर इस पर नजर रख रहा है।

स्थानीय पर्यावरणविद, जो लंबे समय से नदी तल में मशीनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठा रहे हैं, उन्हें उम्मीद है कि कम से कम अगले दो महीनों तक खनन गतिविधियां ठप्प रहेंगी।

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार नदी तल पर केवल एक मीटर तक की खुदाई की अनुमति दी जाती है। लेकिन, जेसीबी और पोकलेन मशीनों ने खनिज निकालने के लिए 2 से 5 मीटर तक खुदाई करके कहर बरपा दिया है।

नूरपुर खनन अधिकारी नीरज कांत ने ट्रिब्यून को बताया कि निचले कांगड़ा क्षेत्र में खनन पट्टाधारकों को प्रतिबंध का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है, जो 1 जुलाई से 15 सितंबर तक लागू रहेगा।

उन्होंने कहा कि यह प्रतिबंध केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सतत रेत खनन दिशानिर्देश-2016 के अनुसार लगाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध का उद्देश्य नदियों और खड्डों में खनिजों (कच्चे माल) की पूर्ति करना है, क्योंकि ये जल निकाय मानसून के मौसम में पहाड़ों से कच्चा माल लाते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि आदतन अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जा सकती है, तो कांत ने कहा कि वह राज्य भूविज्ञानी और उद्योग विभाग के निदेशक को ऐसे व्यक्तियों के खनन पट्टे रद्द करने की सिफारिश करेंगे।

उन्होंने कहा, “इलाके के सभी स्टोन क्रशर मालिकों को खनन कार्य बंद करने के सख्त निर्देश जारी किए गए हैं और खनन निरीक्षकों और सहायक खनन निरीक्षकों को प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, कांगड़ा के जिला मजिस्ट्रेट, नूरपुर के एसपी और नूरपुर, इंदौरा, जवाली और फतेहपुर के एसडीएम को भी इस संबंध में सूचित कर दिया गया है।”

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