तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के मेट्टुपलायम के पास करमादाई अरंगनाथर मंदिर में मासी महा उत्सव के दूसरे दिन बांधा सेवा का आयोजन किया गया। इस दौरान हजारों भक्तों ने भारी “अग्नि बैंड” कंधों पर उठाकर नृत्य करते हुए भगवान अरंगनाथर के दर्शन किए। यह मंदिर करीब एक हजार साल पुराना प्रसिद्ध वैष्णव मंदिर है, जहां हर साल मासी महीने में थिरुथेरोत्तम उत्सव बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
इस साल 6 मार्च को ध्वजारोहण के साथ शुरू हुए रथ उत्सव का मुख्य कार्यक्रम बीते दिन हुआ। इसके बाद आज बांधा सेवा का आयोजन किया गया। आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में भक्त मंदिर पहुंचे। उन्होंने कई किलोग्राम वजनी अग्नि बैंड को कंधों पर उठाया और चारों रथ मार्गों पर नाचते हुए भगवान को अपनी श्रद्धा अर्पित की। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है, जिसमें भक्त भारी बैंड उठाकर भक्ति भाव से नृत्य करते हैं।
इसी दौरान श्री देवी और भूदेवी के साथ अरंगनाथर पेरुमल को चांदी के सब्बारम पर सजाया गया। यह चांदी का सब्बारम मंदिर के चारों रथ मार्गों पर परेड के लिए निकाला गया। करमादाई का पूरा इलाका उत्सव के रंग में डूबा रहा। हजारों लोग इस बांधा सेवा को देखने और चांदी के सब्बारम पर सवार अरंगनाथर स्वामी के दर्शन करने आए। भक्तों की भीड़ और नृत्य ने माहौल को जीवंत बना दिया।
यह आयोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से खास था, बल्कि इसने स्थानीय संस्कृति को भी जीवंत किया। भक्तों का कहना है कि बांधा सेवा उनके लिए भक्ति और परंपरा का प्रतीक है। मंदिर के आसपास का माहौल भक्ति गीतों और उत्साह से भरा रहा। इस उत्सव में शामिल होने वालों ने इसे यादगार बताया और भगवान अरंगनाथर से सुख-शांति की प्रार्थना की।
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