कुल्लू ज़िले का बंजार उपमंडल मौसम संबंधी विनाश की मार झेल रहा है। स्थानीय पर्यटन हितधारक हेमराज शर्मा का कहना है कि इस क्षेत्र की यह भयावह स्थिति स्थानीय राजनीतिक नेतृत्व की निष्क्रियता का नतीजा है।
शर्मा बंजार के बुनियादी ढांचे और बुनियादी सेवाओं को हुए व्यापक नुकसान पर निराशा व्यक्त करते हैं, जबकि क्षेत्र के दो शीर्ष राजनीतिक हस्तियां कहीं और व्यस्त हैं। वे आरोप लगाते हैं, “एक मुख्यमंत्री के साथ कुल्लू और मनाली में हुए नुकसान का जायजा लेने में व्यस्त है, जबकि दूसरा पूर्व मुख्यमंत्री के साथ सेराज में बैठा है। दोनों में से किसी को भी अपने निर्वाचन क्षेत्र की चिंता नहीं है।” उनका इशारा स्पष्ट रूप से भाजपा के बंजार विधायक सुरेंद्र शौरी और कांग्रेस नेता तथा कुल्लू एपीएमसी के अध्यक्ष राम सिंह मियां की ओर है।
शर्मा कहते हैं कि सौभाग्यवश बंजार में अब तक किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है, जिसका श्रेय वे स्थानीय देवताओं की कृपा को देते हैं, लेकिन क्षेत्र अन्य रूपों में भी काफी कष्ट झेल रहा है।
“औट से आगे औट-लुहरी राजमार्ग (एनएच-305) पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे यह क्षेत्र पूरी तरह से कट गया है। बंजार के दूरदराज के गाँवों से मरीजों को अस्पताल पहुँचाना भी लगभग असंभव हो गया है। औट से बंजार आने वाले हल्के वाहनों के लिए राजमार्ग को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है। बंजार से आगे जिभी और जलोरी दर्रे की ओर जाने वाले वाहनों के लिए यह अभी भी यातायात के लिए अवरुद्ध है,” वे आगे कहते हैं।
शर्मा कहते हैं, “बंजार-सैंज इलाके में पिछले 10 दिनों से बिजली नहीं है। पेयजल योजनाओं को भारी नुकसान पहुँचा है, जिससे निवासियों को दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे जलजनित बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है।”
बंजार के एक अन्य पर्यटन हितधारक गुमान सिंह कहते हैं, “बंजार से आगे के इलाके बाकी दुनिया से कटे हुए हैं और उनकी स्थिति अभी भी अज्ञात है। बंजार से सड़क संपर्क सोमवार को 10 दिनों के बाद हल्के वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया।” वे आगे कहते हैं, “इस क्षेत्र की सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। राशन और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति ठप हो गई है। पैदल चलने लायक रास्ते भी नहीं बचे हैं।”
शर्मा और गुरनाम कहते हैं, “राजस्व विभाग और स्थानीय पंचायतों को मिलकर नुकसान का सटीक आकलन करना होगा। मोबाइल फ़ोन सेवाओं को तुरंत बहाल करना ज़रूरी है, साथ ही भविष्य में बिजली कटौती को रोकने के लिए टावरों पर सौर ऊर्जा से चलने वाले सिस्टम लगाने होंगे। सोमवार को बंजार के कुछ इलाकों में मोबाइल फ़ोन सेवाएँ आंशिक रूप से बहाल कर दी गईं।”
उनका कहना है कि आपातकालीन संचार के लिए सैटेलाइट फ़ोन उपलब्ध कराए जाने चाहिए। वे आगे कहते हैं कि एक व्यापक राहत और पुनर्वास योजना तैयार करने के लिए संबंधित विभागों की एक आपातकालीन बैठक बुलाई जानी चाहिए, जिसमें आवश्यक संसाधन और मशीनरी तुरंत आवंटित की जानी चाहिए। वे ज़ोर देकर कहते हैं, “सभी हितधारकों – सरकारी और गैर-सरकारी – को पुनर्वास प्रयासों में सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।”
उन्होंने नेताओं और संबंधित अधिकारियों से आग्रह किया कि वे संकट के इस समय में बंजार के लोगों को प्राथमिकता दें तथा क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करें।