सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से कथित तौर पर 1626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने दिसंबर 2021 में कंपनी के शीर्ष अधिकारियों पर मामला दर्ज किया था। इसके बाद उनके परिसरों पर भी छापेमारी की गई थी।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत शुक्रवार को चंडीगढ़ स्थित दवा कंपनी पैराबोलिक ड्रग्स और उसके प्रमोटरों के कई परिसरों पर छापेमारी की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। ईडी ने दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ और हरियाणा के पंचकूला और अंबाला में कुल 17 परिसर पर छापा मारा।
सूत्रों ने कहा कि यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है और ईडी का मामला कंपनी और उसके प्रमोटरों विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता समेत अन्य के खिलाफ 2021 की सीबीआई एफआईआर से उपजा है।
सूत्रों के अनुसार एजेंसी सोनीपत स्थित अशोका विश्वविद्यालय के कुछ दस्तावेजों को भी देख रही है, क्योंकि कंपनी के दो निदेशक, विनीत गुप्ता और प्रणव गुप्ता, अतीत में शैक्षणिक संस्थान से जुड़े रहे हैं। सीबीआई की कार्रवाई के कुछ दिनों बाद दोनों ने 2022 में विश्वविद्यालय के सभी बोर्डों और समितियों से इस्तीफा दे दिया था। तब संस्थान ने मामले से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार कर दिया था। विश्वविद्यालय ने तब कहा था कि उसका पैराबोलिक ड्रग्स लिमिटेड और उसके निदेशकों से जुड़ी सीबीआई जांच से कोई लेना-देना नहीं है और लिंक बनाने का कोई भी प्रयास तुच्छ और भ्रामक है।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम से कथित तौर पर 1626.74 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में सीबीआई ने दिसंबर 2021 में कंपनी के शीर्ष अधिकारियों पर मामला दर्ज किया था। इसके बाद उनके परिसरों पर भी छापेमारी की गई थी।
कंपनी के प्रबंध निदेशक प्रणव गुप्ता के अलावा सीबीआई ने कंपनी के निदेशकों विनीत गुप्ता, दीपाली गुप्ता, रमा गुप्ता, जगजीत सिंह चहल, संजीव कुमार, वंदना सिंगला, इशरत गिल और इसके गारंटर टीएन गोयल और निर्मल बंसल और जेडी गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है।सीबीआई अधिकारियों के अनुसार निजी कंपनी दवाओं के निर्माण में लगी थी और कथित तौर पर आपराधिक साजिश और जालसाजी के माध्यम से बैंकों के संघ को धोखा दिया।
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