नई दिल्ली, 31 मई । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रहने वाले अभय चांदवासिया ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए एक कविता लिखी थी। अभय पिछले 20 सालों से मोटर न्यूरॉन डिसऑर्डर नाम की लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं।
इस कविता में अभय ने पीएम मोदी के जीवन काल को अपने शब्दों में पिरोया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अभय को खत लिखकर उनकी इस कविता की प्रशंसा की थी। इसी बीच अब अभय चांदवासिया ने प्रधानमंत्री की चिट्ठी पाकर उनका आभार व्यक्त किया है।
अभय चांदवासिया ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “मुझे पीएम मोदी का पत्र प्राप्त हुआ। ये मेरा सौभाग्य है। मैं पीएम मोदी को दिल से धन्यवाद देता हूं। मैं कहना चाहता हूं कि जिस प्रकार हृदय से निकली सच्ची पुकार ईश्वर तक पहुंचती है, मुझे आभास हुआ कि एक सामान्य भारतीय की बात, उसकी आवाज पीएम मोदी तक पहुंची। उन्होंने पत्र लिखकर जिस प्रकार से मान बढ़ाया है, मुझे उत्साह से भर दिया है। स्वस्थ होने की पुन: इच्छा से भर दिया है।”
अभय ने पीएम मोदी को कबीर के दोहे के जरिए शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने कहा कि ‘चींटी के पग नूपुर बाजे सो भी मालिक सुनता है।’ जिस प्रकार पीएम मोदी ने मेरी हृदय की वेदना को समझा। अपने स्नेहपूर्ण शब्दों से मुझे आशीर्वाद दिया। मुझे आशा है कि इसी प्रकार सभी भारतीयों और आम जनमानस की संवेदनाएं और उनकी बातें पीएम मोदी तक पहुंचती है और वह यथायोग्य सभी का उचित मार्गदर्शन करते हैं और आशीर्वाद देते हैं, हौसला बढ़ाते हैं। आखिर में पीएम मोदी का फिर से आभार व्यक्त करता हूं। मैं बहुत ज्यादा खुश और आनंदित हूं।
बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने अभय चांदवासिया की तारीफ करते हुए खत में लिखा था, ”सोशल मीडिया के माध्यम से आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर रचित कविताओं के बारे में जानकारी मिली। आप जैसे परिवारजनों के स्नेहपूर्ण शब्द मुझे देश के लिए जी-जान से कार्य करने की नई ऊर्जा देते हैं। आपसे जुड़े वीडियो में आपकी सकारात्मकता, दृढ़ इच्छाशक्ति, बुलंद हौसले और गंभीर चिंतन की झलक मिली। मन की जीत को महत्व देते जीवन के प्रति आपके दृष्टिकोण को जानकर खुशी हुई। साहित्य में आपकी रुचि और कविताओं के माध्यम से अपने विचारों को रचनात्मक ढंग से व्यक्त करना सराहनीय है। मुझे विश्वास है कि सामाजिक सरोकारों से जुड़ी आपकी रचनाएं इसी प्रकार लोगों तक पहुंचती रहेंगी। आपके अच्छे स्वास्थ्य व मंगल की कामना सहित।”
अभय चांदवासिया पिछले 20 वर्षों से मोटर न्यूरॉन डिसऑर्डर नाम की लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं और वर्तमान में 95 प्रतिशत तक शारीरिक अक्षमता के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। वह पिछले 4 वर्षों से ना बैठ सकते हैं, ना ही खुद खाना खा सकते हैं और ना ही वो अपने हाथ-पैर तक हिला सकते हैं।
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