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मानसून में स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें, डॉ. जग मोहन ने बताए आयुर्वेदिक उपाय

Be cautious about health during monsoon, Dr. Jag Mohan suggests Ayurvedic remedies

मानसून के आगमन के साथ जहां हरियाली और ठंडक आती है, वहीं यह मौसम स्वास्थ्य के लिए कई चुनौतियां भी लेकर आता है। इस दौरान कई तरह की बीमारियों और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भंजराडू उपमंडल में आयुष चिकित्सा अधिकारी का कार्यभार संभाल रहे डॉ. जग मोहन ने लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहने की अपील की।

डॉ. जग मोहन ने कहा कि बरसात के मौसम में बढ़ी हुई नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण सर्दी, खांसी, बुखार, दस्त और त्वचा रोगों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। विशेषकर चर्म रोग इस मौसम में अधिक देखने को मिलते हैं। आयुर्वेद में ऐसे संक्रमणों से बचाव के लिए कई कारगर घरेलू उपाय बताए गए हैं।

उन्होंने लोगों को नियमित रूप से हल्दी और तुलसी का काढ़ा पीने, त्रिकटु चूर्ण का सेवन करने और गुनगुने पानी का उपयोग करने की सलाह दी। ये उपाय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं। उन्होंने लोगों को एक विशेष सलाह देते हुए कहा कि मानसून के दौरान पीने वाले पानी का विशेष ध्यान रखें। पानी को उबालकर पीना फायदेमंद है।

इसके साथ ही, डॉ. मोहन ने नीम और गिलोय जैसी आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन को भी बेहद लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि ये जड़ी-बूटियां शरीर को भीतर से मजबूत बनाकर मौसमी संक्रमणों से बचाती हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि बारिश में भीगने से बचें, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें और संतुलित आहार का पालन करें। यदि किसी को कोई भी स्वास्थ्य संबंधी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत नजदीकी आयुष स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें।

उन्होंने आगे कहा कि आयुष विभाग मानसून के इस संवेदनशील मौसम में लोगों को जागरूक करने के लिए जनहित में निरंतर अभियान चला रहा है, ताकि हर व्यक्ति स्वस्थ और सुरक्षित रह सके।

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