N1Live Himachal हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सरकारी खजाना खाली किया, ‘राजनीतिक’ वादे किए: सुखविंदर सिंह सुक्खू
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हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने सरकारी खजाना खाली किया, ‘राजनीतिक’ वादे किए: सुखविंदर सिंह सुक्खू

Before Himachal assembly elections, BJP emptied the government treasury, made 'political' promises: Sukhwinder Singh Sukhu

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले ‘‘राजनीतिक घोषणाएं’’ करके राज्य को दिवालियेपन के कगार पर धकेलने का आरोप लगाया।

मुख्यमंत्री विधानसभा में नियम 130 के तहत राजकोषीय कुप्रबंधन पर बहस में हिस्सा लेते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा, “पिछली भाजपा सरकार ने राज्य के हितों की रक्षा करने में विफल होकर अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है, चाहे वह बिजली परियोजनाओं में हो या बल्क ड्रग पार्क जैसी बड़ी परियोजनाओं में।”

मुख्यमंत्री के बोलने के दौरान ही विपक्षी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि मुख्य संसदीय सचिव को बचाने के लिए वकीलों को 6 करोड़ रुपए दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सत्ता में आने के लिए झूठे वादे करने के लिए राज्य की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

सुक्खू ने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करेंगे कि वे केंद्र सरकार के पास नई पेंशन योजना के तहत जमा किए गए अंशदान के 10,600 करोड़ रुपए वापस करवाएं। उन्होंने कहा, “हम राज्य के हितों की रक्षा के लिए कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और बीबीएमबी से बकाया 4,200 करोड़ रुपए दिलवाएंगे। यह पैसा हमारी वित्तीय सेहत सुधारने में मदद करेगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान नकदी प्रवाह में असंतुलन की स्थिति बनी रही और अब वित्तीय अनुशासन के माध्यम से सुधारात्मक उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निकट भविष्य में कुछ और कठोर निर्णय लेने होंगे। उन्होंने कहा कि निवेश आकर्षित करने के लिए भूमि सुधार अधिनियम और काश्तकारी अधिनियम की धारा 118 में ढील देनी होगी।

उन्होंने कहा, “हर सरकार चुनाव से पहले घोषणाएं करती है, लेकिन इतनी नहीं कि अर्थव्यवस्था चौपट हो जाए। पिछली भाजपा सरकार द्वारा डीजल पर 6 प्रतिशत वैट खत्म करने, ग्रामीण क्षेत्रों में 125 यूनिट मुफ्त बिजली और मुफ्त पानी देने, महिलाओं को यात्रा पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने और चुनाव से ठीक पहले बिना बजट के 900 संस्थान खोलने के फैसलों ने अर्थव्यवस्था को गहरा झटका दिया।”

सुखू ने कहा, “राज्य का खजाना, जो 2018 में अधिशेष था, आज धन की कमी से जूझ रहा है। भाजपा शासन के दौरान माल और सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे और राजस्व घाटा अनुदान (आरडीजी) के रूप में पर्याप्त आवंटन के बावजूद, विधानसभा चुनावों से पहले मुफ्त सुविधाओं की घोषणा ने राज्य को वित्तीय दिवालियापन के कगार पर पहुंचा दिया।”

उन्होंने कहा, ‘‘हमें 76,650 करोड़ रुपये की ऋण देनदारी विरासत में मिली है और कर्मचारियों के वेतन में पांच दिन की देरी करके सरकार हर साल 36 करोड़ रुपये बचाएगी।’’ उन्होंने कहा कि सरकार को वेतन और पेंशन पर हर महीने 2,000 करोड़ रुपये देने पड़ते हैं, इसके अलावा बोर्ड और निगमों के कर्मचारियों के वेतन पर सालाना 3,300 करोड़ रुपये देने पड़ते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, “आपके कार्यकाल में राजस्व घाटा 6,336 करोड़ रुपये था, जो अब तक का सबसे अधिक है। आपके पांच साल के शासन के दौरान राज्य को जो राजस्व घाटा अनुदान मिला, वह 47,128 करोड़ रुपये था, जबकि हमें 2022-23 में 9,377 करोड़ रुपये मिले, इसके अलावा जीएसटी मुआवजा मात्र 88 करोड़ रुपये मिला।”

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