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मस्जिद विवाद को लेकर शिमला के संजौली में हाई अलर्ट, पुलिस ने कड़ी चौकसी के बीच हिंदू संगठन के नेता को हिरासत में लिया

High alert in Sanjauli, Shimla regarding mosque dispute, police detained leader of Hindu organization amid tight vigil.

पुलिस ने बुधवार सुबह शिमला के संजौली में अनधिकृत मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन करने पर एक व्यक्ति को हिरासत में लिया।

प्रदर्शनकारी की पहचान कमल गौतम के रूप में हुई है, जो संजौली पहुंचा और विरोध प्रदर्शन करने लगा। बताया जा रहा है कि वह हिंदू जागरण मंच नामक हिंदू संगठन का नेता है। उसे संजौली चौक से हिरासत में लिया गया, जब वह ढली सुरंग की ओर जा रहा था। हिंदू संगठनों ने लोगों से ढली आने का आह्वान किया था, जहां से उन्होंने अपना जुलूस शुरू करने की योजना बनाई थी।

संजौली में अनधिकृत मस्जिद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर संजौली क्षेत्र में त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) के साथ 1,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।

यह कदम विभिन्न हिंदू संगठनों द्वारा बुधवार को संजौली में अनधिकृत मस्जिद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए लोगों से संजौली आने के आह्वान के बाद उठाया गया है। लोगों से संजौली आने के आह्वान के संदेश और वीडियो भी सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए।

किसी भी सांप्रदायिक तनाव से बचने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने संजौली और आसपास के क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से रात 11.59 बजे तक किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन और जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है।

शिमला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा जारी की है, जिसके तहत बिना अनुमति के पांच से अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने और लाठी, खंजर, डंडे, भाले, तलवार सहित घातक हथियार लेकर चलने पर रोक लगाई गई है।

कुछ हिंदू संगठनों ने मस्जिद में अनधिकृत निर्माण को ध्वस्त करने और राज्य में आने वाले बाहरी लोगों के पंजीकरण की मांग को लेकर बुधवार को बंद का आह्वान किया था।

पिछले गुरुवार को हिंदू समूहों ने अपनी मांग को लेकर विधानसभा और संजौली के निकट चौड़ा मैदान में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था।

शिमला के जिला मजिस्ट्रेट अनुपम कश्यप ने कहा, “संजौली क्षेत्र में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति तथा सार्वजनिक शांति भंग होने की आशंका के कारण निषेधाज्ञा जारी की गई है।”

आदेश में कहा गया है कि सार्वजनिक रैली, बिना अनुमति के जुलूस और प्रदर्शन, भूख हड़ताल, धरना, सार्वजनिक स्थानों पर नारेबाजी कर सड़कों, राजमार्गों, फुटपाथ और यातायात की सामान्य आवाजाही में बाधा उत्पन्न करना और किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा किसी भी सार्वजनिक स्थान, सड़क और पूजा/प्रार्थना स्थलों पर जलाने के लिए किसी भी प्रकार की ज्वलनशील वस्तुओं को ले जाना भी प्रतिबंधित है।

यह आदेश बुधवार को प्रातः 7:00 बजे से रात्रि 11:59 बजे तक सम्पूर्ण संजौली क्षेत्र में प्रभावी रहेगा।

यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा, “कानून और व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का अधिकार है, लेकिन किसी भी समुदाय के किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में सभी समुदायों का सम्मान किया जाता है और विधानसभा अध्यक्ष ने विक्रेताओं की नीति के लिए नियम बनाने हेतु एक समिति गठित की है, क्योंकि यह संघर्ष एक छोटे से विवाद से शुरू हुआ था।

सुखू ने कहा कि जहां तक ​​मस्जिद का सवाल है, कुछ मंजिलों पर अनधिकृत या अवैध निर्माण का मामला नगर निगम के पास है और कानून अपना काम करेगा तथा इस मुद्दे पर शीघ्र निर्णय के लिए अनुरोध किया जाएगा।

डीसी ने कहा कि कानून व्यवस्था का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

एसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि क्षेत्र में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 की धारा 163 लागू कर दी गई है।t

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