कोलकाता, कलकत्ता उच्च न्यायालय में गुरुवार को एक याचिका दायर की गई। जिसमें आरोप लगाया गया कि तृणमूल कांग्रेस के एक उम्मीदवार ने विदेश में रहते हुए अपना नामांकन दाखिल किया। सीपीआई (एम) द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया कि उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखान के कुमारजोल से तृणमूल कांग्रेस ग्राम पंचायत उम्मीदवार मोइनुद्दीन गाजी नामांकन के दौरान सऊदी अरब में थे।
हालांकि, उनका नामांकन स्थानीय ब्लॉक विकास कार्यालय द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। जिससे यह सवाल उठता है कि कोई उम्मीदवार विदेश से अपना नामांकन कैसे दाखिल कर सकता है? जबकि, नामांकन दाखिल करते समय उसकी व्यक्तिगत उपस्थिति जरूरी है।
इस याचिका को स्वीकार कर लिया गया है। इस मामले पर शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की एकल पीठ सुनवाई कर सकती है।
याचिकाकर्ता ने हज समिति की एक विज्ञप्ति भी पेश की है। जिसमें जिक्र है कि मोइनुद्दीन गाजी 4 जून से सऊदी अरब में हैं और 16 जुलाई तक वहां रहने वाले हैं। याचिकाकर्ता ने सवाल किया है कि विदेश में रहते हुए उनका नामांकन पत्र कैसे जमा किया गया और उसे स्वीकार भी कैसे कर लिया गया।
याचिकाकर्ता ने यह भी आरोप लगाया है कि ऐसा तब तक संभव नहीं है, जब तक संबंधित उम्मीदवार की स्थानीय खंड विकास कार्यालय के साथ-साथ रिटनिर्ंग अधिकारी से सांठगांठ न हो।
बता दें कि बुधवार को ही न्यायमूर्ति सिन्हा ने पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के लिए दो उम्मीदवारों के नामांकन दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के लिए एक खंड विकास अधिकारी के खिलाफ सीबीआई जांच का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति सिन्हा ने यह भी कहा था कि चूंकि आरोप राज्य सरकार के एक अधिकारी के खिलाफ हैं, इस स्थिति में राज्य की जांच एजेंसी से इस मामले की जांच कराना सही नहीं होगा। इस मामले की जांच सीबीआई करेगी।
उन्होंने सीबीआई को इस मामले में 7 जुलाई तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। दूसरी तरफ राज्य सरकार ने आदेश के खिलाफ गुरुवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ का रुख किया।
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