कोलकाता, 16 मई । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के क्रम में पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) के सर्वर से कुछ महत्वपूर्ण ई-मेल के बारे में जानकारी हासिल की है।
सूत्रों ने बताया कि इन ई-मेल से कई अयोग्य उम्मीदवारों की पहचान में मदद मिलेगी जिन्होंने रिश्वत देकर नौकरी हासिल की है। हालांकि इन ई-मेल के कंटेंट के बारे में एजेंसी के अधिकारी कुछ भी नहीं बता रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्रिया के जरिये 2016 में राज्य के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक पदों के लिए चयनित 25,753 उम्मीदवारों में से योग्यता और रिश्वत के आधार पर नौकरी करने वाले उम्मीदवारों को अलग करने में मदद मिलेगी।
कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ के आदेश के बाद पिछले महीने इन सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से थोड़ी राहत तब मिली जब शीर्ष अदालत ने इन उम्मीदवारों में रिश्वत देकर नौकरी पाने वालों को अलग करने का तरीका खोजने के लिए जुलाई तक का समय दिया, जब मामले की अगली सुनवाई होनी है।
सूत्रों ने बताया कि डब्ल्यूबीएसएससी के सर्वर से प्राप्त ई-मेल से आयोग और भर्ती प्रक्रिया के लिए ओएमआर शीट मुहैया कराने वाली कंपनी एनवाईएसए के चुनिंदा अधिकारियों के बीच संवाद हुए थे।
जांच में यह सामने आया है कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता मुख्य रूप से ओएमआर शीट के जरिये की गई थी।
आयोग की भूमिका इस बात को लेकर जांच के घेरे में है कि उसने ओएमआर शीट की मिरर ईमेज अपने पास नहीं रखी जिससे योग्य उम्मीदवारों की पहचान आसानी से हो सकती थी।