पंजाब सरकार ने शनिवार को राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए स्वच्छता अभियान शुरू किया तथा मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 24 सितंबर तक प्रभावित गांवों को गाद मुक्त बनाने का संकल्प लिया।
100 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली यह कवायद सरकार द्वारा खेतों से गाद हटाने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी करने के एक दिन बाद शुरू की गई है। सरकार ने किसानों को 31 दिसंबर तक बिना परमिट के अपनी ज़मीन साफ़ करने और नदियों द्वारा जमा की गई गाद बेचने की अनुमति दे दी है। उन्हें कोई रॉयल्टी भी नहीं देनी होगी।
हालांकि, किसानों ने गाद साफ करने में आने वाले खर्च पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि इसकी घटिया गुणवत्ता के कारण इसकी बिक्री से उन्हें मुश्किल से 2,000 रुपये प्रति ट्रॉली की कमाई होगी।
राज्य में भूमि का एक बड़ा हिस्सा गाद से ढक गया है, क्योंकि बाढ़ के पानी से लगभग 4.81 लाख एकड़ भूमि पर खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि कई इलाकों से बाढ़ का पानी उतर गया है, लेकिन खेतों को फिर से खेती योग्य बनाने के लिए गाद हटाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि यह अभियान सभी 2,300 प्रभावित गाँवों और शहरी इलाकों में शुरू कर दिया गया है।