ओडिशा सरकार ने डिजिटल वित्तीय क्षेत्र में युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए ‘भारतनेत्र – एक दृष्टि, एक वित्त, एक भविष्य’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया है।
इस कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में हुआ। उनके साथ केंद्रीय राजमार्ग मंत्री और राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर ओडिशा सरकार ने ग्लोबल फाइनेंस टेक्नोलॉजी नेटवर्क, सिंगापुर और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (वित्त विभाग) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस कार्यक्रम में जीएफटीएन के सीईओ सहित बजाज फाइनेंस और अन्य प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
‘भारतनेत्र’ पहल का मुख्य उद्देश्य अगले पांच वर्षों में राज्य के 7,000 छात्रों को डिजिटल वित्त और फिनटेक के क्षेत्र में दक्ष बनाना है। इसमें विशेष रूप से अंतिम वर्ष के विश्वविद्यालय छात्रों को प्राथमिकता दी जा रही है। पहले चरण में 375 छात्रों का चयन किया जा चुका है, जो सितंबर से शुरू होने वाले पांच महीने के हाइब्रिड प्रशिक्षण कार्यक्रम (ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में) में भाग लेंगे।
कार्यक्रम के दौरान ओडिशा के आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री मुकेश महालिंग ने कहा, “भारतनेत्र का शुभारंभ ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। जीएफटीएन सिंगापुर और नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर जैसे वैश्विक संस्थानों के साथ साझेदारी करके हम अपने युवाओं को डिजिटल वित्त के भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं। यह पहल 2038 तक ओडिशा को भारत और दुनिया में एक आत्मनिर्भर और अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इस कार्यक्रम के आगामी दिनों में युवाओं को व्यापक स्तर पर फायदा पहुंचेगा। इस संबंध में युवाओं को पांच महीने का कोर्स उपलब्ध कराएंगे जिससे हम उनके कौशल को निखारने का काम करेंगे।”
बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम न केवल राज्य के युवाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप प्रशिक्षण देगा, बल्कि ओडिशा को डिजिटल और आर्थिक क्षेत्र में एक नई पहचान भी दिलाएगा।