राजस्थान के भरतपुर में पोक्सो कोर्ट संख्या-2 ने एक बड़ा और कड़ा फैसला सुनाते हुए 10 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में दोषी शख्स मूलचंद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसी मामले में चार साल पहले कोर्ट ने मूलचंद के बेटे साहब सिंह को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जो पहले से ही जेल में बंद है।
पोक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक महाराज सिंह सिनसिनवार ने बताया कि यह घटना 2016 की है। 21 नवंबर को जयपुर की एक महिला ने हलैना थाना इलाके के ताजपुर गांव निवासी पिता मूलचंद और उसके बेटे साहब सिंह के खिलाफ अपनी 10 साल की बेटी के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था। पीड़िता की मां और मूलचंद की पत्नी के बीच जान-पहचान थी, जिसके चलते पीड़िता अपनी मां के साथ ताजपुर गांव आया-जाया करती थी।
उन्होंने कहा कि 20 नवंबर 2016 की रात पीड़िता अपनी मां के साथ ताजपुर गांव में रुकी थी। रात को नाबालिग की मां ने जब अपनी बेटी के रोने की आवाज सुनी और कमरे में गई, तो उन्होंने देखा कि नाबालिग खून से लथपथ थी, जिसके बाद पीड़िता ने अपनी मां को बताया कि साहब सिंह ने उसके साथ दुष्कर्म किया है। जब महिला अगली सुबह जयपुर जाने लगी तो मूलचंद ने उसे रोक लिया। उसी दौरान नाबालिग ने अपनी मां को बताया कि साहब सिंह का पिता मूलचंद भी उसके साथ कई बार दुष्कर्म कर चुका है।
इसके बाद पीड़ित की मां ने पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने दबिश देकर मौके से पिता और बेटे को गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने घटना में शामिल होने की बात बताई थी, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश कर दिया था।
30 अक्टूबर, 2021 को कोर्ट ने पहले साहब सिंह को दुष्कर्म का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि, उस समय कोर्ट ने पिता मूलचंद को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन पीड़ित पक्ष की अपील पर फिर सुनवाई शुरू हुई। कोर्ट ने मंगलवार को मूलचंद को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

