N1Live National भोपाल : गांधी मेडिकल कॉलेज कैंपस में अतिक्रमण कर बन गए 12 से ज्यादा धार्मिक स्थल, डॉक्टरों में डर
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भोपाल : गांधी मेडिकल कॉलेज कैंपस में अतिक्रमण कर बन गए 12 से ज्यादा धार्मिक स्थल, डॉक्टरों में डर

Bhopal: More than 12 religious places were encroached upon in Gandhi Medical College campus, fear among doctors

भोपाल, 27 सितंबर । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसके पीछे की वजह उन्होंने यहां धड़ल्ले बन रहे धार्मिक स्थलों को बताया। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से यहां धार्मिक स्थलों का निर्माण हो रहा है, वह चिंता का विषय है। यहां लोग बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं। कभी लड़ाई तो कभी नशा करते हैं। पूरा माहौल कुछ इस तरह से बना दिया गया कि डॉक्टरों का काम करना मुश्किल हो चुका है। जूनियर डॉक्टरों ने इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन से शिकायत भी की है।

डॉक्टरों ने बताया कि अस्पताल में जमीन पर अतिक्रमण कर लगातार धार्मिक स्थल बनाए जा रहे हैं। पहले एक-दो ही धार्मिक स्थल बने थे, लेकिन अब इनकी संख्या में लगातार तेजी देखने को मिल रही है, जो सभी के लिए चिंता का विषय है। प्रशासन को इस पर संज्ञान लेते हुए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

डॉक्टरों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से महिला डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन यहां इसका गंभीरतापूर्वक पालन होता हुआ नहीं दिख रहा है।

अस्पताल के डीन ने बताया, “जूनियर डॉक्टरों ने इस संबंध में शिकायत की थी। हमने इस बारे में प्रशासन को बता दिया है। मुझे अभी चार महीने ही यहां आए हुए हैं, लेकिन अगर आप गूगल मैप देखेंगे, तो आपको साफ पता चल जाएगा कि किस तरह से यहां धार्मिक स्थलों की संख्या में तेजी देखने को मिल रही है। हमने इस संबंध में जिलाधिकारी से शिकायत की है। हमने बताया है कि यह स्थिति सुरक्षा के दृष्टिकोण से, पार्किंग सहित अन्य दृष्टि से खतरनाक साबित हो सकती है। हमने स्पष्ट कर दिया है कि अनावाश्यक लोगों का अस्पताल में प्रवेश वर्जित किया जाए, केवल वही लोग आए, जिन्हें उपचार की जरूरत है। ”

डॉ. विजेंद्र ने बताया, “पहले इतने धार्मिक स्थल नहीं थे, लेकिन पिछले दो साल में इसमें तेजी देखने को मिली है, जो सुरक्षा की दृष्टि से कई गंभीर सवाल खड़े करती है। इसकी वजह से कई तरह की समस्याएं आ रही हैं। बाहर के लोग भी अस्पताल में दाखिल हो रहे हैं, जिससे महिला डॉक्टर की सुरक्षा को लेकर कई तरह के गंभीर सवाल खड़े होते हैं।”

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