मुंबई, 17 अगस्त। भाई-बहन का त्योहार रक्षा बंधन मनाने के टेलिविजन के सितारे भी तैयारी कर रहे हैं। टेलीविजन अभिनेत्रियों में वृंदा दहल, सिद्धि शर्मा और नीलू वाघेला ने बताया कि वे अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद रक्षा बंधन को कैसे यादगार बनाएंगी।
“छठी मैया की बिटिया” में वैष्णवी का किरदार निभाने वाली वृंदा दहल ने बताया कि रक्षाबंधन मेरे लिए बहुत मायने रखता है क्योंकि मेरा एक पांच साल का भाई है। मुझे उसकी कलाई पर राखी बांधना बहुत पसंद है, लेकिन इस साल मैं उसके साथ रक्षाबंधन नहीं मना पाऊंगी, क्योंकि वह नेपाल में है और मैं भारत में शूटिंग कर रही हूं। अभिनेत्री ने कहा कि वह राखी पर अपने भाई को काफी याद कर रही हैं।
हालांकि, शो के सेट पर, शैशव, जो मेरे भाई का किरदार निभा रहा है, मुझे उसकी बहुत याद दिलाता है। लोग हमेशा हमारी तारीफ करते हैं, कहते हैं कि हम सगे भाई-बहन जैसे दिखते हैं। जब मैं किसी और से बात करती हूं तो मेरा सगा भाई हमेशा ईर्ष्या करता है, और शैशव को देखकर उसकी यादें ताज़ा हो जाती हैं।
इस साल, हम सब एक साथ रक्षाबंधन मनाएंगे। लेकिन, मुझे अपने पूरे परिवार की कमी खलेगी।
‘इश्क जबरिया’ में गुलकी का किरदार निभाने वाली सिद्धि शर्मा ने कहा कि इस साल वह अपने सभी भाइयों को रक्षाबंधन मनाने के लिए आमंत्रित करने की योजना बना रही हैं। हमेशा की तरह एक शानदार डिनर भी होगा। वह बताती हैं स्कूल के दिनों में मैं अपने जन्मदिन पर एक गुड़िया का सेट चाहती थी, लेकिन मेरे माता-पिता ने मुझे कुछ और दिया।
हालांकि, अगले महीने, मेरे भाई ने मुझे बिल्कुल वैसा ही गुड़िया का सेट दिया, जैसा मैं चाहती थी। यह मेरे लिए अब तक का सबसे खूबसूरत तोहफा था
अभिनेत्री ने कहा कि सेट पर अभिनेत्री सोफिया शेख उनके बहुत करीब हैं। ‘भले ही वह छोटी हैं, लेकिन वह एक भाई की तरह मेरी रक्षा करती हैं और अविश्वसनीय रूप से परिपक्व और देखभाल करने वाली हैं। वह हमेशा मेरा ख्याल रखती हैं, और मैं इसके लिए उनकी दिल से आभारी हूं।
‘साझा सिंदूर’ में मां हुकुम का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री नीलू वाघेला ने कहा कि रक्षाबंधन गहरे भरोसे और विश्वास का प्रतीक है। बताता है कि आपका भाई या बहन हमेशा आपकी रक्षा करेगा, चाहे आप कहीं भी हों।
मेरा भाई दुबई में रहता है, इसलिए मैंने इस साल उसे पहले ही वहां राखी भेज दी है। हालांकि, पिछले साल वह भारत में था, और हमने लगभग 20 वर्षों के बाद एक साथ रक्षा बंधन मनाया। जो लोग अपने भाई-बहनों से दूर हैं, उनके लिए यह एक भावनात्मक और चुनौतीपूर्ण अनुभव हो सकता है।