N1Live National बिहार : तेजस्वी के ‘वक्फ कानून कूड़ेदान में फेंक देंगे’ वाले बयान पर भाजपा-जदयू का पलटवार
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बिहार : तेजस्वी के ‘वक्फ कानून कूड़ेदान में फेंक देंगे’ वाले बयान पर भाजपा-जदयू का पलटवार

Bihar: BJP-JDU counterattack on Tejashwi's statement that he will throw the Waqf Act in the dustbin.

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के महागठबंधन की सरकार बनने के बाद वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंकने वाले बयान पर जदयू और भाजपा ने पलटवार किया।

‎बिहार जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के बयान पर हैरानी जताई और उन्हें संविधान की एक कॉपी देने की सलाह दे दी।‎

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून संसद से पारित हो गया, सुप्रीम कोर्ट ने विचार कर इस पर मुहर लगा दी। क्या राज्य सरकार को ऐसा अधिकार है? ‎

नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि जब वक्फ की संपत्ति लूटी जा रही थी और लालू यादव मौन बैठे हुए थे, इसका अपराध उन्हें कबूल करना चाहिए। पटना अंजुमन इस्लामिया हॉल को खंडहर बना दिया गया था, नीतीश कुमार ने उसे शीशमहल बना दिया। वक्फ की संपत्ति का अगर विकास देखना है तो पटना में विभिन्न इमारतें बनाई गई हैं।

इधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने तेजस्वी यादव द्वारा सत्ता में आने पर वक्फ बिल फाड़कर कूड़ेदान में फेंकने की घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश की संसद द्वारा पारित बिल फाड़ने की घोषणा करना तेजस्वी यादव के अमर्यादित, असंसदीय और संविधान विरोधी आचरण को दर्शाता है। जब विपक्ष में रहकर वे इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं तो सत्ता में आने पर अराजकता और आतंक फैलाने के अलावा कुछ भी नहीं करेंगे।

सिन्हा ने आगे कहा कि राजद-कांग्रेस के चयनित तुष्टिकरण और जंगलराज की पराकाष्ठा के दौर में तेजस्वी यादव का लालन-पालन हुआ है। लिहाजा उनसे लोकतांत्रिक परिपाटी के ज्ञान और संसदीय मर्यादा की उम्मीद करना बेमानी है। पूरा देश इस बात से वाकिफ है कि वक्फ संशोधन बिल एक बहुप्रतीक्षित मांग और सुप्रीम कोर्ट के बार-बार निर्देशित करने पर देश की संसद द्वारा पारित हुआ है। ‎

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार का स्पष्ट सिद्धांत है कि वोट बैंक के लिए हम कोई कानून नहीं लाएंगे क्योंकि कानून न्याय और लोगों के कल्याण के लिए होता है। यह तुष्टिकरण का माध्यम नहीं होना चाहिए। वक्फ संशोधन बिल में कहीं भी धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया गया है। ‎

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