राज्य सरकार ने कानून को बहुत कठोर बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें अपराध सिंडिकेट के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर आजीवन कारावास और मृत्युदंड का प्रावधान भी शामिल है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने आज विधानसभा में हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (रोकथाम एवं नियंत्रण) विधेयक, 2025 पेश किया। विधेयक में मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध खनन, वनों की कटाई, मानव अंगों की तस्करी, वन्यजीवों की तस्करी और साइबर आतंकवाद जैसे अपराधों के लिए कठोर दंड का प्रस्ताव किया गया है।
हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (रोकथाम एवं नियंत्रण) विधेयक, 2025 का उद्देश्य संगठित अपराध से निपटना, सार्वजनिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता की रक्षा करना है। मादक पदार्थ रखने, खरीदने, परिवहन करने या आपूर्ति करने वाले किसी भी व्यक्ति को कारावास और मृत्युदंड भी हो सकता है। मादक पदार्थ तस्करों पर 10 लाख रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
अपराध सिंडिकेट द्वारा हिंसा के कारण किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर मृत्युदंड और कारावास का प्रावधान किया गया है। विधेयक में अपराध में शामिल लोगों के वित्तीय नेटवर्क को लक्षित किया गया है और ऐसी अवैध गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों की संपत्ति की जब्ती और कुर्की को और अधिक कठोर बनाया गया है। विभिन्न अपराधों में बार-बार अपराध करने वालों के लिए बढ़ी हुई सजा और दंड का प्रस्ताव किया गया है।
हिमाचल प्रदेश मादक द्रव्य एवं नियंत्रित पदार्थ (रोकथाम, नशामुक्ति एवं पुनर्वास) विधेयक, 2025 भी सदन में पेश किया गया। इसका उद्देश्य मादक द्रव्यों के दुरुपयोग एवं तस्करी के खतरे से निपटना है। इसमें नाबालिगों को मादक द्रव्य बेचने, शिक्षण संस्थानों के निकट तस्करी करने, नशामुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित करने तथा मादक द्रव्यों से संबंधित मामलों में तेजी लाने के लिए विशेष अदालतों की स्थापना करने पर सख्त दंड का प्रावधान है।
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