July 12, 2025
Entertainment

जयंती विशेष: ‘दो बीघा जमीन’,‘बंदिनी’ हिंदी सिनेमा की धरोहर, इन्हें गढ़ने वाले बिमल रॉय के ‘द ग्रेट शोमैन’ राज कपूर भी थे फैन

Birth Anniversary Special: ‘Do Bigha Zameen’, ‘Bandini’ are heritage of Hindi cinema, ‘The Great Showman’ Raj Kapoor was also a fan of Bimal Roy who created them

बिमल रॉय किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध निर्माता बिमल रॉय का जन्म 12 जुलाई 1909 को हुआ था। भारतीय सिनेमा में उनके योगदान, विशेष रूप से उनकी यथार्थवादी और समाजवादी रूप से जागरूक फिल्मों के लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है। ‘दो बीघा जमीन’, ‘बंदिनी’ जैसी सामाजिक व्यवस्था को चुनौती देती फिल्मों के जरिए वो आज भी जिंदा हैं।

एक जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले बिमल रॉय के पिता की आकस्मिक मौत के बाद उनके घर में पारिवारिक कलह हो गया, जिसके कारण उन्हें जमींदारी से बेदखल होना पड़ा। इसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और फिल्मों में कुछ करने के लिए कलकत्ता (कोलकाता) चले गए। उन्होंने बंगाली और हिंदी में कई सुपरहिट फिल्में बनाईं। उनकी फिल्मों में दो बीघा जमीन, देवदास, परिणीता, मधुमती, परख, सुजाता और बंदिनी शामिल हैं। फिल्मों के लिए उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी मिले।

बिमल रॉय अपनी फिल्मों में मानवीय सरोकार से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाते थे। साल 1953 में आई बिमल रॉय की फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ ने उन्हें अमर कर दिया। यह फिल्म किसानों को समर्पित है। बिमल रॉय के निर्देशन में बनी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ में बलराज साहनी और निरूपा रॉय ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं। इस फिल्म ने साल 1954 में पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड जीता। उनकी इस कृति को कांस फिल्म समारोह में अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

ऐसी जानदार फिल्म देखने के बाद हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता एवं निर्देशक एक्टर राजकपूर ने कहा था कि उन्होंने इस फिल्म को क्यों नहीं बनाया? अगले हजारों साल के बाद भी अगर भारत की 100 सर्वश्रेष्ठ फिल्मों की लिस्ट बनी तो उसमें यह फिल्म जरूर शामिल होगी।

साल 1954 में बिमल रॉय को कांस फिल्म महोत्सव में इंटरनेशनल अवॉर्ड के साथ 2 राष्ट्रीय और 11 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले। साल 1958 में ‘मधुमती’ को 9 फिल्मफेयर अवॉर्ड मिले थे। कैंसर से पीड़ित बिमल रॉय ने 1965 में 55 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।

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