N1Live Himachal भाजपा ने हिमाचल के सीएम सुखू और मंत्रियों पर केंद्र के खिलाफ निराधार बयान देने का आरोप लगाया
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भाजपा ने हिमाचल के सीएम सुखू और मंत्रियों पर केंद्र के खिलाफ निराधार बयान देने का आरोप लगाया

BJP accuses Himachal CM Sukhu and ministers of making baseless statements against the Center

भाजपा प्रदेश मीडिया विभाग के प्रभारी एवं विधायक रणधीर शर्मा ने आज मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्रियों पर आधारहीन बयानबाजी करने तथा कई मुद्दों पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।

आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रेलवे लाइन के विस्तार पर उपमुख्यमंत्री का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत है। शर्मा ने कहा, “उनका यह बयान कि भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी रेलवे लाइन भाजपा नेता के मित्र की फैक्ट्री तक पहुंचने का प्रयास है, पूरी तरह से निराधार है और अपनी कमियों को छिपाने का प्रयास है।”

उन्होंने मुकेश अग्निहोत्री को याद दिलाया कि यह रेल लाइन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का सपना था, लेकिन इस रेल लाइन का काम मोदी सरकार ने शुरू करवाया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को रेल लाइन परियोजना में अपने हिस्से के रूप में 1,441 करोड़ रुपये का भुगतान करना बाकी है, जिसके लिए बजट साझाकरण केंद्र और राज्य सरकारों के बीच 75:25 प्रतिशत के अनुपात में होगा।

शर्मा ने कहा कि परियोजना के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार को 70 करोड़ रुपये से अधिक का खर्च उठाना पड़ा। उन्होंने कहा, “झूठे आरोप लगाने के बजाय बेहतर होगा कि हिमाचल प्रदेश बिलासपुर तक रेल लाइन के निर्माण के लिए अपना हिस्सा दे।”

शर्मा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार को भानुपल्ली-बिलासपुर-बेरी दो रेल लाइन परियोजनाओं के लिए कुल 1,636 करोड़ रुपये तथा चंडीगढ़-बद्दी रेल लाइन के लिए 185 करोड़ रुपये का भुगतान करना है।

उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मंत्री केंद्र के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया, “राज्य सरकार अपना हिस्सा न देकर हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा संचालित परियोजनाओं में अनावश्यक रूप से बाधा उत्पन्न कर रही है।”

शौचालय और सामान कर के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए शर्मा ने कहा कि अगर सरकार ने ये कर नहीं लगाए थे तो इन्हें वापस क्यों लिया गया। सरकार पर हिमाचल की जनता पर करों का बोझ डालने का आरोप लगाते हुए उन्होंने जल उपकर, ग्रामीण लोगों पर पानी के बिल, एचआरटीसी में सामान कर और शौचालय कर का उदाहरण दिया।

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