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मॉडल टाउन में भाजपा और कांग्रेस के सामने आप का तिलिस्म तोड़ने की चुनौती

BJP and Congress face challenge to break AAP's magic in Model Town

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां सभी पार्टियां कर रही हैं। एक-एक सीट पर लड़ाई महत्वपूर्ण हो गई है। उत्तरी दिल्ली के पॉश इलाकों में शामिल मॉडल टाउन में आप के सामने जीत की लय बरकरार रखने की चुनौती है तो वहीं भाजपा और कांग्रेस इसे तोड़ने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं।

मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र चांदनी चौक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। यह क्षेत्र उत्तरी दिल्ली के पॉश इलाकों में शामिल है और इसे तीन भागों में बांटा गया है। इसे मॉडल टाउन 1, 2, और 3 में बांटा गया है। मॉडल टाउन का विकास 1950 के दशक की शुरुआत में डीएलएफ ग्रुप द्वारा किया गया था। इस क्षेत्र को उस समय दिल्ली लैंड एंड फाइनेंस के नाम से जाना जाता था। यह दिल्ली में निजी तौर पर विकसित किए गए पहले इलाकों में से एक था और आज यह उत्तरी दिल्ली जिले के तीन प्रशासनिक प्रभागों में से एक के तौर पर जाना जाता है। मॉडल टाउन क्षेत्र को ब्लॉकों और उप-कॉलोनियों में विभाजित किया गया है और यह अलीपुर तथा नरेला के साथ उत्तरी दिल्ली का हिस्सा है।

मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र में कुल 1,77,944 मतदाता हैं, जिनमें 97,223 पुरुष, 80,709 महिला और एक थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। यह इलाका हमेशा से दिल्ली की सियासत का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।

साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अखिलेश पति त्रिपाठी ने 52,665 वोट प्राप्त कर चुनाव जीत लिया, जबकि भाजपा के कपिल मिश्रा को 41,532 वोट मिले। कांग्रेस की आकांक्षा ओला को 4,085 वोट मिले। यह चुनाव खास इसलिए था क्योंकि कपिल मिश्रा पहले आम आदमी पार्टी में थे, लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए थे। अखिलेश त्रिपाठी ने कपिल मिश्रा को 11,133 वोटों के अंतर से हराया।

इससे पहले 2015 के विधानसभा चुनावों में भी अखिलेश पति त्रिपाठी ने 54,628 वोटों के साथ जीत हासिल की। भाजपा के विवेक गर्ग को 37,922 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के कंवर करण सिंह को 8,992 वोट मिले। साल 2013 के चुनाव में अखिलेश पति त्रिपाठी ने 38,492 वोटों के साथ भाजपा के अशोक गोयल को हराया, जबकि कांग्रेस के कंवर करण सिंह 23,983 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।

मॉडल टाउन विधानसभा सीट 1993 में अस्तित्व में आई तो पहले चुनाव में यहां से भाजपा ने जीत हासिल की। हालांकि, 1998 में कांग्रेस के कंवर करण सिंह ने जीत हासिल की और भाजपा के भोलानाथ विज हराया। कंवर सिंह ने 2003 और 2008 में भी लगातार जीत हासिल की और तीन बार इस सीट पर विजय प्राप्त की। लेकिन 2013 में आम आदमी पार्टी के आगमन के साथ दिल्ली की सियासत में बड़ा बदलाव आया।

मॉडल टाउन विधानसभा क्षेत्र पर चुनावी मुकाबले हमेशा ही दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण रहे हैं। आगामी चुनावों में आम आदमी पार्टी के लिए सत्ता में लौटने की चुनौती है, जबकि भाजपा और कांग्रेस भी अपनी तैयारी में जुटी हुई हैं।

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