October 13, 2025
National

भाजपा ने सहयोगियों को घुटनों पर लाया, जदयू को किया कमजोर: मृत्युंजय तिवारी

BJP brought allies to their knees, weakened JDU: Mrityunjay Tiwari

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सीट बंटवारे पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर तीखा हमला बोला है।

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के पोस्ट का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा।

मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि भाजपा ने अपने सहयोगी दलों को उनकी हैसियत दिखाकर घुटनों पर लाने का काम किया है। भाजपा ने जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को भी बराबर का भाई बनाकर उसके बड़े भाई की भूमिका को खत्म कर दिया है।

उन्होंने कहा, “सबने देखा है कि कैसे भाजपा ने अपने सहयोगियों को कमजोर किया। जदयू, जो पहले बड़े भाई की भूमिका में थी, अब बराबरी की स्थिति में ला दी गई है। चुनाव के बाद भाजपा, जदयू को पूरी तरह खत्म करके बिहार में मुख्यमंत्री की कुर्सी हासिल कर लेगी। इस बार चुनाव में एक बात साफ है कि एनडीए की नैया डूबने वाली है।”

उन्होंने जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि दोनों नेता अपने स्वाभिमान की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं। भाजपा ने अपने सहयोगियों को दबाव में रखकर गठबंधन की सियासत को अपने पक्ष में मोड़ लिया है।

इसके साथ ही, मृत्युंजय तिवारी ने लैंड फॉर जॉब मामले में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की सुनवाई पर भी बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि लालू यादव को जानबूझकर फंसाया जा रहा है।

मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “चुनाव में तेजस्वी यादव की बढ़ती लोकप्रियता से भाजपा घबरा गई है। इसलिए हमारे नेता को निशाना बनाया जा रहा है। तेजस्वी यादव की लोकप्रियता को बिहार की जनता में देखने को मिल रही है और हम विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज करेंगे।

वहीं, सीट बंटवारे को लेकर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के हालिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए संजय झा ने कहा, “सभी ने अपने विचार सोशल मीडिया पर साझा किए हैं। यह स्वाभाविक है कि हर दल को लगता है कि उसे कुछ और सीटें मिलनी चाहिए थीं। लेकिन सीट बंटवारे का फैसला सभी दलों के बीच सहमति के बाद ही लिया गया है।”

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