N1Live National भाजपा ने बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमले की निंदा की, पात्रा बोले- यूनुस सरकार का व्यवहार उचित नहीं
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भाजपा ने बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमले की निंदा की, पात्रा बोले- यूनुस सरकार का व्यवहार उचित नहीं

BJP condemned the attack on Rabindranath Tagore's ancestral house in Bangladesh, Patra said- Yunus government's behavior is not appropriate

भारतीय जनता पार्टी ने बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के घर को निशाना बनाए जाने की घटना की निंदा की है। बांग्लादेश की सरकार पर हमला बोलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार है, उसका व्यवहार उचित नहीं है। अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि विषय गंभीर है और बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है। शुरुआत में ही स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम किसी अंतरराष्ट्रीय डोमेन में घुसपैठ नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह रवींद्रनाथ टैगोर का विषय है, इसलिए यह भारत के हृदय के निकट का विषय है। भाजपा इसे बहुत गंभीरता और संवेदनशीलता से लेती है।

संबित पात्रा ने कहा, ”मंगलवार को बांग्लादेश में स्थित रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर पर हमला हुआ और उसे क्षति पहुंचाई गई। रवींद्रनाथ टैगोर के दादा द्वारकानाथ टैगोर ने 1840 में ढाका से करीब 125 किमी दूर सिराजगंज में एक दो मंजिला घर बनाया, जिसे कचहरीबाड़ी कहा जाता है। रिपोर्ट से पता चला है कि उनके घर पर जो हमला हुआ, वह ‘जमात-ए-इस्लामी’ और ‘हिफाजत-ए-इस्लाम’ संगठन के लोगों ने किया। यह हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया। 5-6 दिन से योजना बन रही थी। रवींद्रनाथ टैगोर के घर पर हमला करके ऐसे लोग विश्व को एक संदेश देना चाह रहे थे।”

उन्होंने कहा कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर कोई आम शख्सियत नहीं थे। वो ऐसे व्यक्ति थे, जो सीमाओं से नहीं बंधे थे। उन्होंने दो राष्ट्रों के राष्ट्रगान को लिखा। भारत के राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ को रवींद्रनाथ टैगोर की कलम ने ही संजोया और बांग्लादेश के राष्ट्रगान को भी उन्होंने ही लिखा। बांग्लादेश सरकार ने कचहरीबाड़ी (रवींद्रनाथ टैगोर का पैतृक घर) को पहले एक सरकारी म्यूजियम के रूप में घोषित किया था। अब इसे ध्वस्त किया गया है। मैं कहना चाहूंगा कि मौजूदा बांग्लादेश सरकार का व्यवहार उचित नहीं है। इतने बड़े अंतरराष्ट्रीय स्मारक को बचाकर नहीं रखा जा सका। यह बहुत खराब संदेश पूरे विश्व में जाता है। हम बांग्लादेश सरकार के व्यवहार की निंदा करते हैं।”

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