बेंगलुरू, 25 दिसंबर । साल 1924 में महात्मा गांधी द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने की 100वीं वर्षगांठ के अवसर पर कांग्रेस पार्टी ने पार्टी वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की विशेष बैठक बुधवार को कर्नाटक के बेलगावी (पुराना नाम बेलगाम) आयोजित की। बेलगावी में ही 100 साल पहले महात्मा गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता की थी। इस पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने कहा कि यह गांधी की कांग्रेस नहीं है।
कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने कहा, “यह गांधी जी का उत्सव नहीं, बल्कि कांग्रेस का उत्सव है। वहां सिर्फ कांग्रेस के झंडे हैं और दिल्ली से सारे कांग्रेस नेता आ रहे हैं। महात्मा गांधी की प्रतिमा का उद्घाटन करने के लिए राहुल गांधी को बुलाया गया, लोकसभा अध्यक्ष या केंद्रीय मंत्री को क्यों नहीं बुलाया गया? ऐसा लग रहा है कि इस कार्यक्रम को सिर्फ कांग्रेस का बना दिया गया है। हम भी यह सोच रहे हैं कि हमें इस उद्घाटन समारोह में जाना चाहिए या नहीं। बेलगावी में हमारे बीजेपी नेता उद्घाटन से बाहर हो गए हैं। मैं पार्टी नेताओं से चर्चा करूंगा और फिर तय करूंगा कि मुझे जाना चाहिए या नहीं।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, “यह दो अलग कांग्रेस हैं। यह जनविरोधी, राष्ट्र विरोधी कांग्रेस है और वह राष्ट्रवादी कांग्रेस थी और इन लोगों को जश्न मनाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है, लेकिन वे जश्न मना रहे हैं। भगवान उन्हें सद्बुद्धि दे।”
बता दें कि बाबा साहेब आंबेडकर को लेकर भाजपा सहित कई अन्य दल कांग्रेस को घेरने में लगे हुए हैं और कांग्रेस इस प्रयास में है कि वह संविधान के माध्यम से यह साबित करे कि वह आंबेडकर की अनुयायी है। यह संघर्ष लंबा चल सकता है, लेकिन इस बीच कांग्रेस महात्मा गांधी की विरासत को पूरी तरह अपने नाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।