नई दिल्ली, 6 जून । लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आने के बाद जीत-हार को लेकर हर जगह मंथन का दौर जारी है। हर कोई चकित है कि आखिर अयोध्या जैसी सीट पर भारतीय जनता पार्टी को क्यों शिकस्त मिली। इसी बीच अयोध्या से भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह के हारने को लेकर तपस्वी छावनी पीठाधीश्वर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने बड़ा बयान दिया है।
जगतगुरु परमहंस आचार्य ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी हारी नहीं है, इसके पीछे एक रहस्य है। भाजपा ने जानबूझकर अयोध्या की सीट छोड़ी है। इसका कारण यह था कि गठबंधन ने यहां से एक दलित व्यक्ति को टिकट दिया था। जो अत्यंत बुजुर्ग हैं, इतने बुजुर्ग हैं कि ये समझिए कि उनका साल और 6 महीने चलना मुश्किल है। भारतीय जनता पार्टी में बुजुर्गों और दलितों का सम्मान सर्वोपरि है।
उन्होंने रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के समय रामराज था। उस वक्त भगवान राम प्रत्येक व्यक्ति की खबर रखते थे, चारों तरफ देखते थे, किसी को कोई कष्ट तो नहीं है। उस समय पता चला है कि एक दलित ने कहा था, मैं चाहता हूं भगवान राम सीता का परित्याग कर दें। तो, प्रभु श्रीराम ने सीता का परित्याग कर दिया था। उस वक्त मंथरा ने कहा था कि भगवान राम को 14 साल के लिए वनवास पर जाना चाहिए। उन्हें जब यह पता चला था कि मंथरा ने कहा है जो कि एक दलित महिला थी तो प्रभु श्रीराम खुशी-खुशी 14 साल के लिए वन चले गए। माता शबरी के जूठे बेर भी खाए।
परमहंस आचार्य ने आगे कहा कि भाजपा अयोध्या की सीट हारी नहीं है। इसको नरेंद्र मोदी ने जानबूझकर एक बुर्जुग और दलित के सम्मान में छोड़ दी है। मैं आपको अंदर की एक बात बताता हूं कि अयोध्या में भाजपा कार्यकर्ता लल्लू सिंह कहते थे कि इस बार यहां पर दलित के सम्मान पर वोट देना चाहिए। यह एक बड़ी बात है और यही रामराज है, लोग इस बात को समझेंगे, तो उन्हें पता चलेगा कि नरेंद्र मोदी का व्यक्तित्व कितना बड़ा है, उनका दलित, गरीब और किसानों के प्रति कितना प्रेम है, उतना और किसी के अंदर नहीं हो सकता है। यहां भाजपा हारी नहीं है, यहां से जीतने वाले प्रत्याशी इतने बुर्जुग हैं। आगे जब चुनाव होंगे तो भाजपा यहां लाखों वोट से जीतेगी।
बता दें कि अयोध्या से समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने भाजपा के दो बार के सांसद लल्लू सिंह को 54,567 वोटों से हराया है। वहीं, भाजपा प्रत्याशी लल्लू सिंह को 4 लाख 99 हजार 722 वोट प्राप्त हुए।