भोपाल, 10 जून । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार बनी एनडीए की सरकार में मध्य प्रदेश को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला है। इस प्रतिनिधित्व के जरिए भाजपा ने राज्य के बड़े वोट बैंक पर निशाना साधा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए के मंत्रिमंडल ने रविवार की शाम को शपथ ली। इस मंत्रिमंडल में मध्य प्रदेश से तीन कैबिनेट और दो राज्य मंत्री हैं। कैबिनेट मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और डॉ वीरेंद्र कुमार को बनाया गया है, वहीं राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दुर्गादास उइके और सावित्री ठाकुर को मिली है।
सिंधिया और डॉ वीरेंद्र कुमार को जहां फिर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है, वहीं चौहान, दुर्गादास और सावित्री ठाकुर को पहली बार मंत्री बनने का मौका मिला है। इन मंत्रियों के जरिए क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश की गई है।
सिंधिया का नाता ग्वालियर चंबल से है तो चौहान भोपाल संभाग से आते हैं। इसी तरह डॉ वीरेंद्र कुमार बुंदेलखंड से हैं और सावित्री ठाकुर मालवा निमाड़ से आती हैं। दुर्गादास भी भोपाल संभाग से आते हैं।
इस मंत्रिमंडल में विंध्य और महाकौशल को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है।
राज्य में जातीय आधार पर आबादी पर गौर करें तो पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति का खासा प्रभाव है। इन वर्गों में गहरी पैठ बनाने की कोशिश नजर आ रही है।
कैबिनेट मंत्री बनाए गए चौहान का नाता पिछड़े वर्ग से है, वहीं डॉ वीरेंद्र कुमार अनुसूचित जाति से आते हैं। दुर्गादास और सावित्री ठाकुर का नाता अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग से है। ये दोनों आदिवासी नेता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी पसंद हैं।
राज्य में लोकसभा की 29 सीटें हैं और भारतीय जनता पार्टी ने इस बार सभी स्थानों पर जीत दर्ज कर इतिहास रचा है। यह पहला अवसर है जब भाजपा ने इतनी बड़ी जीत राज्य में दर्ज की है। इससे पहले भाजपा को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 27 और वर्ष 2019 में 28 स्थानों पर जीत दर्ज करने में सफलता मिली थी।