पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों पर तीखा हमला बोला और सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर प्रमुख शासन मोर्चों पर विफल रहने और कांग्रेस पर जनता के मुद्दों पर चुप रहने का आरोप लगाया।
रोहतक में कार्यकर्ताओं की एक बैठक में बोलते हुए दुष्यंत ने सैनी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा, “नायब सैनी सरकार का एक साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है, इसलिए मुख्यमंत्री को अपने कार्यकाल की कम से कम पाँच बड़ी उपलब्धियाँ जनता के साथ साझा करनी चाहिए। राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था एक खुला रहस्य है और भाजपा सरकार इसे रोकने में पूरी तरह विफल रही है।”
राज्य की लाडो लक्ष्मी योजना की आलोचना करते हुए दुष्यंत ने कहा कि एक लाख रुपये की आय की शर्त लगाकर सरकार ने “75% गरीब महिलाओं को इसके लाभ से वंचित कर दिया है।” उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों को कोई राहत नहीं मिली है और किसानों को मंडियों में उनकी उपज का एमएसपी नहीं मिल रहा है।
जेजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि शिक्षण संस्थानों को भाजपा के प्रशिक्षण केंद्र में बदल दिया गया है। उन्होंने कहा, “सरकार इन संस्थानों में अपने कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति तो देती है, लेकिन छात्र संगठनों को कार्यक्रम आयोजित करने से रोक दिया जाता है।”
उन्होंने विपक्षी नेताओं पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा, “नवनियुक्त विपक्ष के नेता, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और इनेलो अध्यक्ष खराब कानून व्यवस्था, किसानों की दुर्दशा और बाढ़ के मुद्दों पर कुछ नहीं बोलते हैं।”
एक सवाल के जवाब में दुष्यंत ने हुड्डा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “जब हम रोहतक आते हैं तो भूपेंद्र हुड्डा क्यों डरते हैं? अगर उनमें हिम्मत है तो जींद या भिवानी से चुनाव लड़ें। दो बार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद हुड्डा एक क्षेत्र तक सीमित नेता बनकर रह गए हैं।”