चंडीगढ़, 31 अगस्त पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को वेंटिलेटर पर डाल दिया है। उन्होंने कहा कि आज अस्पतालों में न तो दवाइयां हैं और न ही डॉक्टर।
उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य सेवाओं में करीब 20,000 पद खाली पड़े हैं। राज्य के अस्पतालों में 14,000 डॉक्टरों की कमी है। गांवों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के करीब 94 फीसदी पद खाली पड़े हैं। स्टाफ और सुविधाओं की कमी के कारण हर दिन हजारों मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है।”
स्वास्थ्य सेवाओं में करीब 20 हजार पद खाली पड़े हैं। सरकारी अस्पतालों में 14 हजार डॉक्टरों की कमी है। स्टाफ और सुविधाओं की कमी के कारण हर दिन हजारों मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। – भूपेंद्र हुड्डा, कांग्रेस नेता
हुड्डा ने कहा कि मरीजों को लैब टेस्ट के लिए कई-कई दिन अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ते हैं या फिर मजबूरन निजी लैब में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के अनुसार 1000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए, लेकिन हरियाणा में 2035 लोगों पर एक डॉक्टर है। 200 लोगों पर एक बेड होना चाहिए, लेकिन प्रदेश में 2086 लोगों पर एक बेड है। इस कारण कई जगह देखने को मिल रहा है कि एक बेड पर दो-दो या तीन-तीन मरीज लेटे हुए हैं और फर्श पर ही प्रसव हो रहे हैं। प्रदेश में सीनियर मेडिकल ऑफिसर, मेडिकल ऑफिसर, डेंटल सर्जन के 5253 पदों में से 1100 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में भाजपा ने वादा किया था कि सत्ता में आते ही वह हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाएगी। उन्होंने कहा, “वास्तविकता यह है कि पिछले 10 सालों में भाजपा द्वारा घोषित एक भी नया मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार नहीं हुआ है। कांग्रेस के कार्यकाल में बने संस्थान ही लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में एक स्वास्थ्य विश्वविद्यालय और छह मेडिकल कॉलेज बनवाए। उन्होंने कहा, “प्रदेश का पहला मेडिकल विश्वविद्यालय भी कांग्रेस के शासनकाल में ही खुला। आजादी के बाद देश में महिलाओं के लिए पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज कांग्रेस ने ही सोनीपत के खानपुर में खोला था। कांग्रेस ने ही एम्स-2 और झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान बनवाया था। आज ये सभी संस्थान हरियाणा और कई राज्यों के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।”