हिमाचल प्रदेश में विपक्षी भाजपा ने नए पुलिस गश्ती वाहनों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तस्वीरें प्रदर्शित करने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की है और कहा है कि यह करदाताओं के पैसे का “दुरुपयोग” है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता राजिंदर सिंह राणा ने एक बयान में कहा कि सरकार अपराध को नियंत्रित करने में विफल रही है और उसकी प्राथमिकता “आत्मप्रचार” है।
उन्होंने यह भी पूछा कि क्या यह कदम मुख्यमंत्री या उन्हें खुश करने वाले नौकरशाहों के दिमाग की उपज है। सुक्खू ने 4 नवंबर को 10 जिलों शिमला, मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, बिलासपुर, कुल्लू, सिरमौर, सोलन और चंबा के लिए 66 गश्ती वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था।
18.42 करोड़ रुपये की लागत से खरीदे गए इन वाहनों में 35 इलेक्ट्रिक वाहन, 14 इंटरसेप्टर वाहन और 10 रेकर वाहन शामिल थे। राणा ने आगे कहा कि हिमाचल प्रदेश, जिसे शांति का राज्य माना जाता था, गैंगवार और नशे की गिरफ्त में है तथा पिछले तीन वर्षों में राज्य की छवि खराब हुई है, उसे सुधारने में कई वर्ष लगेंगे।
उन्होंने कहा कि स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि ऊना और बिलासपुर जैसे जिलों में गोलीबारी आम बात हो गई है और युवा नशे की गिरफ्त में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधियों में कानून का कोई डर नहीं है, क्योंकि सरकार कमजोर है।
राणा उन छह कांग्रेस विधायकों में शामिल थे जिन्होंने फरवरी 2024 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में क्रॉस-वोटिंग की थी और बाद में भाजपा में शामिल होकर उपचुनाव लड़ा था। हालाँकि, राणा सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव हार गए थे।

