लखनऊ, 17 फरवरी । भारतीय जनता पार्टी की ओर से एक राष्ट्र-एक चुनाव को व्यापक जनसमर्थन मिले इसके लिए पूर्व राज्यपाल फागु चौहान की अध्यक्षता और प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह की मौजूदगी में रविवार को बैठक सम्पन्न हुई। इस दौरान निर्णय हुआ कि वन नेशन-वन इलेक्शन के समर्थन में रैलियां भी आयोजित की जाएंगी।
पूर्व राज्यपाल फागु चौहान ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव से न केवल समय व धन की बचत होगी बल्कि देश का विकास और आम जनमानस पर भी बार-बार होने वाले चुनाव का प्रभाव भी नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराना कोई नई बात नहीं है। स्वतंत्र भारत में 1951 से लेकर 1967 तक सभी राज्यों की विधानसभाओं और लोकसभा के आम चुनाव साथ-साथ होते थे।
पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल ने कहा कि अलग-अलग समय पर राज्यों तथा लोकसभा चुनाव होने से देश के संसाधनों तथा श्रम शक्ति का ह्रास होता है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 1984 के आम चुनाव में अपने घोषणा पत्र में एक राष्ट्र-एक चुनाव कराने का संकल्प लिया था।
पार्टी के प्रदेश महामंत्री एवं सदस्य विधान परिषद अनूप गुप्ता ने कहा कि एक राष्ट्र-एक चुनाव का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव एक साथ आयोजित कराने का है। ताकि राजनीतिक स्थिरता में मदद मिले और विकास कार्यों की निरंतरता बनी रहे। अभी इस प्रक्रिया में लोकसभा, विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की बात आई है। स्थानीय निकाय एवं पंचायत के चुनावों को अलग रखा गया है।
उन्होंने बताया कि एक राष्ट्र-एक चुनाव के समर्थन में प्रदेश में विभिन्न सामाजिक संगठनों, संस्थाओं और समाज के प्रमुख वर्गों के लोगों से चर्चा कर कार्यक्रम आयोजित कराए जाएंगे। प्रदेश में अलग-अलग विश्वविद्यालयों में प्रधानाध्यापक, समाजसेवी, छात्रों और युवाओं, महिलाओं आदि के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बैठक में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में बड़ी सेमिनार, कानपुर में व्यापारी संस्थाओं का कार्यक्रम एवं लखनऊ में समाजसेवी संगठनों के कार्यक्रम फरवरी माह/मार्च के प्रथम सप्ताह में करना सुनिश्चित हुआ है। अधिवक्ताओं, महिलाओं, व्यापारियों, प्रबुद्धजनों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सम्मेलन/गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। छात्रों और युवाओं द्वारा वन नेशन-वन इलेक्शन के समर्थन में रैलियां भी आयोजित की जाएंगी।
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