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देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती पर मध्य प्रदेश में भाजपा का 10 दिवसीय अभियान

BJP's 10-day campaign in Madhya Pradesh on the 300th birth anniversary of Devi Ahilyabai

मालवा से नाता रखने वाली देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर भाजपा विशेष आयोजन करने जा रही है। 31 मई को जहां राष्ट्रीय स्तर पर जयंती मनाई जाएगी, वहीं मध्य प्रदेश में 10 दिवसीय अभियान चलाया जाएगा।

इस अभियान के दौरान देवी अहिल्याबाई को आदर्श मानकर देश और प्रदेश में सुशासन, धार्मिक, सांस्कृतिक और महिला कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों से जन-जन को अवगत कराया जाएगा।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी 31 मई को देशभर में देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती मना रही है। इस अवसर पर विशेष अभियान 21 से 31 मई तक प्रदेश भर में चलाया जाएगा। देश और प्रदेश में भाजपा सरकार देवी अहिल्याबाई होल्कर की शासन व्यवस्था को कैसे स्थापित कर रही है, उसे लेकर भाजपा जन-जन तक पहुंचेगी।

उन्होंने बताया कि देवी अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व और उनके राज्य शासन की व्यवस्था, सुशासन, महिला सशक्तीकरण और उन्होंने जो कार्य किए हैं, उन सभी विषयों को लेकर भाजपा 31 मई को उनकी जयंती देशभर के साथ मध्य प्रदेश में भी मनाएगी।

विष्णु दत्त शर्मा ने आगे कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर के कृतित्व और व्यक्तित्व को भाजपा इन 10 दिनों में जन-जन तक पहुंचाने का कार्य करेगी। भाजपा 21 मई से प्रदेश के सभी जिलों में देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती को लेकर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। विश्वविद्यालयों में होने वाले कार्यक्रमों में उनके समाज, महिला, संस्कृति, देश और धर्म को लेकर जो कार्य किए गए हैं, उन सभी विषयों पर चर्चा की जाएगी।

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा महिला सशक्तीकरण को लेकर किए गए कार्यों को बताने के लिए निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के साथ भाजपा जिलों में कार्यक्रम आयोजित करेगी। देवी अहिल्याबाई होल्कर से जुड़ी हुई विरासत को नाट्य प्रस्तुतियों, प्रदर्शनी और अन्य कार्यक्रमों के जरिए जनता तक पहुंचाया जाएगा। 31 मई को इंदौर में एक बड़े आयोजन की तैयारी है।

उन्होंने आगे कहा कि देवी अहिल्याबाई होल्कर ने अपने शासनकाल में विधवा विवाह प्रथा की शुरुआत की थी। उस समय होल्कर की सेना में लगे सैनिकों की विधवाओं को रोजगार के लिए महेश्वर साड़ी जैसे रोजगार की व्यवस्था की थी। आज हमारी सरकारें उसी तरह महिलाओं के स्वरोजगार के लिए कई अभियान चला रही हैं।

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