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सशस्त्र बलों के सम्मान में कांग्रेस करेगी ‘जय हिंद सभा’

Congress will organize 'Jai Hind Sabha' in honour of armed forces

ऑपरेशन सिंदूर के बाद जहां देशभर में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। वहीं, कांग्रेस पार्टी आने वाले दिनों में जय हिंद सभा आयोजित करेगी। इस सभा में रिटायर सेना के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस बात की जानकारी गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दी।

केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमारे सशस्त्र बलों की सर्वोच्च वीरता और सफलता को सलाम करने के लिए पूरे भारत में ‘जय हिंद सभा’ आयोजित करेगी।”

वेणुगोपाल ने पोस्ट में बताया कि जय हिंद सभा में पहलगाम आतंकी हमले में सुरक्षा चूक और सीजफायर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता के बारे में सवाल पूछे जाएंगे। कांग्रेस की यह जय हिंद सभा 20 मई से शुरू होगी। यह सभा 30 मई तक दिल्ली, बाड़मेर, शिमला, हल्द्वानी, पटना, जबलपुर, पुणे, गोवा, बेंगलुरु, कोच्चि, गुवाहाटी, कोलकाता, हैदराबाद, भुवनेश्वर और पठानकोट में आयोजित की जाएंगी, जिसमें सेना के दिग्गज, पार्टी नेता और आम जनता शामिल होगी।

इससे पहले गुरुवार को कांग्रेस सांसद जयराम रमेश मीडिया से बातचीत में उन राज्यों का जिक्र किया था जहां वे ‘जय हिंद सभा’ रैली करेंगे। हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता इसमें भाग लेंगे और हम प्रधानमंत्री मोदी से कई सवाल पूछेंगे। हमारी पार्टी की ओर से पहले ही कई सवाल पूछे जा चुके हैं। 16 मई को राहुल गांधी भी कुछ सवाल पूछेंगे। इन सभाओं में हम प्रधानमंत्री मोदी से पूछेंगे कि वे चुप क्यों हैं? कश्मीर की चर्चा भारतीय संसद में हो सकती है। इसके अलावा कहीं और नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण करना गलत है, क्योंकि हमने सुरक्षा का कभी राजनीतिकरण नहीं किया है। अब खबर यह भी आई है कि 25 तारीख को प्रधानमंत्री मोदी एनडीए के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं, वे क्यों नहीं देश के सारे मुख्यमंत्रियों से मिलते हैं। आखिर, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की क्या गलती है। पीएम मोदी सिर्फ एनडीए के मुख्यमंत्रियों को बुलाएंगे और उनसे बातचीत करेंगे। यह राजनीतिकरण नहीं है तो और क्या है। एक तरफ कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी एकता और एकजुटता की बात कर रहे हैं। दूसरी तरफ पीएम मोदी गंभीर सवाल पर चुप हैं, वे बोलते नहीं हैं।

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