रांची, 20 दिसंबर। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी सदन में भाजपा विधायकों का हंगामा जारी है। मंगलवार को हंगामे के बीच स्पीकर ने भाजपा के तीन विधायकों — बिरंची नारायण, भानु प्रताप शाही और जपयप्रकाश पटेल को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया था।
निलंबित विधायक बुधवार सुबह से विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना दे रहे हैं।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सदन में स्पीकर से तीनों विधायकों का निलंबन वापस लेने का आग्रह किया। इसके बाद भाजपा के सभी विधायक वेल में पहुंच गए और कहा कि आसन निलंबन मामले में न्याय करे।
अमित मंडल ने स्पीकर से कहा कि आप दोनों पक्ष के कस्टोडियन हैं। मंगलवार को तीनों विधायक सिर्फ नियोजन नीति की मांग कर रहे थे। आपका कल के निलंबन का फैसला ज्यादा कठोर हो गया। उदार दिल दिखाते हुए विधायकों का निलंबन वापस लें।
भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू हुआ, लेकिन 16 मिनट ही सदन चल सका। भाजपा विधायकों ने “ये सरकार निकम्मी है”, “हेमंत सोरेन सरकार गद्दी छोड़ो ”के नारे लगाए।
हंगामे की वजह से स्पीकर रवींद्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इधर निलंबित विधायक बिरंची नारायण, भानु प्रताप शाही और जयप्रकाश पटेल सुबह गद्दा और तकिया लेकर विधानसभा पहुंचे और मुख्य द्वार के बाहर धरने पर बैठ गए। बिरंची नारायण ने कहा कि सरकार सदन में बेरोजगारों के मुद्दे नहीं उठने देना चाहती। वे राज्य की नियोजन नीति को लेकर कार्यस्थगन प्रस्ताव लाना चाहते थे। बस इसी बात पर उन्हें निलंबित कर दिया गया। यह तो स्पीकर की तानाशाही है।
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