भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) द्वारा जींद जिले के गुलकनी गांव में 2002 में किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में बीकेयू के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव टिकैत, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और हरियाणा भर से किसान शामिल हुए। उपस्थित लोगों ने मृतक किसानों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की।
किसान नेताओं ने याद दिलाया कि 2002 में बीकेयू के विरोध प्रदर्शन के दौरान, जिला प्रशासन ने गुलकनी गांव के पास प्रदर्शनकारी किसानों पर गोलियां चलाईं, जिसके परिणामस्वरूप नौ प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। मरने वालों में राजपुरा भैन गांव के पांच लोग – हवा सिंह, दिलबाग, राजेश, महासिंह और ओमप्रकाश – और गुलकनी गांव के चार लोग – बिजेंद्र शर्मा, राम गोपाल, राजबीर और नरेश शामिल थे।
किसानों ने हाल ही में गुलकानी गांव में उनकी याद में प्रतिमाएं स्थापित की हैं, क्योंकि यहां के लोग हर साल उसी स्थान पर शहीदी दिवस मनाते रहे हैं। नौगामा खाप और बीकेयू ने भी उनके सम्मान में एक स्मारक बनवाया है।
तत्कालीन ओम प्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाली इनेलो सरकार बकाया बिजली बिलों के भुगतान के मुद्दे पर किसानों के साथ टकराव में आ गई थी। किसानों और स्थानीय निवासियों ने जहां बिल माफ करने की मांग की, वहीं सरकार ने बकाएदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जिससे बवाल मच गया।
किसान नेताओं ने हरियाणा में 1991 से चल रहे बिजली आंदोलन को याद किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, प्रदेशाध्यक्ष रतन मान, युवा प्रदेशाध्यक्ष रवि आजाद, जिला अध्यक्ष बारू राम, युवा नेता बिंदर नंबरदार, प्रेस प्रवक्ता रामराजी ढुल तथा राजपुरा भैण से खाप प्रतिनिधि सुरेश बहबलपुर, उम्मेद जागलान, धर्मपाल घिमाना व जयबीर लोहान मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान रतन मान और रामराजी ढुल ने घोषणा की कि बीकेयू जल्द ही अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करेगी और किसानों के कल्याण के मुद्दों को जमीनी स्तर तक उठाने के लिए अपने आंदोलन को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने यह भी मांग की कि हाल ही में आए तूफान से क्षतिग्रस्त हुए बिजली के खंभों की जल्द से जल्द मरम्मत की जाए।
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