December 17, 2025
National

बॉम्बे हाई कोर्ट में जीशान सिद्दीकी की सुरक्षा याचिका पर सुनवाई, महाराष्ट्र सरकार को दिया निर्देश

Bombay High Court hears Zeeshan Siddiqui’s plea for protection, directs Maharashtra government

बॉम्बे उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार को जीशान सिद्दीकी की सुरक्षा याचिका पर 10 दिनों के भीतर फैसला करने का निर्देश दिया है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने एनसीपी लीडर जीशान सिद्दीकी की सिक्योरिटी कम करने के लिए राज्य सरकार से फिर सवाल किया है। मंगलवार को हुई सुनवाई में बॉम्बे हाई कोर्ट ने थ्रेट परसेप्शन कमेटी को 10 दिनों के अंदर इसका रिव्यू करने का निर्देश दिया और राज्य सरकार को एक एफिडेविट जमा करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान जीशान सिद्दीकी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील प्रदीप घरात ने कोर्ट के सामने पक्ष रखते हुए स्थिति की गंभीरता को बयां किया। उन्होंने बेंच को बताया कि सिद्दीकी परिवार केवल खतरे की आशंका नहीं जता रहा है, बल्कि उन्हें ठोस धमकियां मिल रही हैं। वकील घरात ने कोर्ट को जानकारी दी कि याचिकाकर्ता और उनके परिवार को इस साल अप्रैल और अगस्त महीने में भी बार-बार जान से मारने की धमकियां मिली हैं। ये धमकियां सामान्य नहीं हैं, बल्कि इनके तार अंडरवर्ल्ड से जुड़े हैं।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को निर्देश दिया कि दिवंगत बाबा सिद्दीकी की पत्नी शहजीन सिद्दीकी द्वारा दायर उस आवेदन पर समयबद्ध निर्णय ले, जिसमें उन्होंने लगातार मिल रही उगाही की धमकियों के मद्देनजर अपने बेटे और परिवार की सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। कोर्ट ने साफ कहा है कि इस मामले में टालमटोल नहीं की जा सकती और संबंधित समिति को 10 दिनों के भीतर निर्णय लेना होगा।

दिवंगत बाबा सिद्दीकी की पत्नी शहजीन सिद्दीकी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक पिटीशन फाइल की है, जिसमें बाबा सिद्दीकी की हत्या की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाने की मांग की गई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पिटीशन फाइल करते ही सिक्योरिटी कम करने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई थी।

न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति आर.आर. भोंसले की खंडपीठ के समक्ष जीशान सिद्दीकी की ओर से पेश अधिवक्ता प्रदीप घरत ने बताया कि जीशान को अगस्त से लगातार धमकी भरे और उगाही से जुड़े कॉल आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस साल की शुरुआत में जीशान की सुरक्षा को वाई प्लस श्रेणी से घटा दिया गया था, जबकि खतरे की आशंका बनी हुई है।

जीशान ने इस वर्ष नवंबर में सक्षम समिति के समक्ष औपचारिक रूप से उच्च स्तर की सुरक्षा बहाल करने के लिए प्रतिवेदन दिया था। इस पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता मिलिंद साठे ने पीठ को आश्वस्त किया कि आवेदन पर विचार किया जाएगा। हाई कोर्ट ने जीशान सिद्दीकी की सुरक्षा से जुड़े आवेदन पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को तय की है।

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