N1Live National अजमेर शरीफ दरगाह से हिंदू और मुसलमान दोनों की आस्था जुड़ी है : इकबाल महमूद
National

अजमेर शरीफ दरगाह से हिंदू और मुसलमान दोनों की आस्था जुड़ी है : इकबाल महमूद

Both Hindus and Muslims have faith in Ajmer Sharif Dargah: Iqbal Mahmood

संभल, 29 नवंबर । अजमेर शरीफ दरगाह के नीचे शिव मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका पर समाजवादी पार्टी के विधायक इकबाल महमूद ने गुरुवार को कहा कि अजमेर शरीफ दरगाह ऐसी जगह है, जहां हिंदू और मुसलमान दोनों की आस्था है, करोड़ों लोग वहां जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।

विधायक इकबाल महमूद ने कहा, “आपने मुगल-ए-आजम फिल्म देखी होगी। अकबर वहां गए और प्रार्थना की। तब सलीम का जन्म हुआ था। देश के प्रधानमंत्री, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों, हर साल वहां जाते हैं और चादर चढ़ाते हैं। वे वहां जाते हैं और प्रार्थना करते हैं। देश के बारे में सोचो भाई। देश ही सब कुछ है। यह हमारा है, इससे प्यार करो और उसके बाद अपने बच्चों से प्यार करो। उन्हें पढ़ाओ, शिक्षित करो, ताकि देश मजबूत हो।”

संभल वाली घटना पर सपा विधायक ने दावा किया कि सरकारी आंकड़ा है कि चार की मौत हुई, लेकिन मौतें इससे ज्यादा हुई हैं। उन्होंने कहा कि 600 साल पुरानी जामा मस्जिद में मुस्लिम समुदाय के लोग की आस्था है। दूसरों लोगों की नजर इस मस्जिद पर है। कानून के तहत जब पहली बार सर्वे हुआ तो हम लोगों ने सहयोग भी किया।

उन्होंने कहा, “संभल की घटना को देश की जनता देख रही है और सुन भी रही है। मैं बस यह कहना चाहता हूं कि यह देश सभी का है। सभी के पूर्वजों ने जान देकर देश को आजाद कराया है। आज वह क्या सोचते होंगे। यह राजनीति है। राजनीति में सत्ता हासिल करने के लिए वह भूल जाते हैं देश का क्या होगा। बंटेंगे तो कटेंगे जैसे नारे दिए जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि वह समुदाय से लोगों से अपील करूंगा कि इस सप्ताह जुम्मे की नमाज जामा मस्जिद की बजाय घर के पास की मस्जिद में कर सकते हैं। कल का दिन अगर गुजर गया तो संभल में एक बार फिर से अमन, शांति बहाल होगी।

विधायक ने कहा कि आज संभल में हिन्दू-मुसलमान के बीच कोई दीवार नहीं है। लेकिन, दोनों समुदाय के बीच दीवार खड़ी करने की कोशिश की जा रही है। शुक्रवार को कोर्ट में सर्वे की रिपोर्ट सौंपी जाएगी। इससे ज्यादा कुछ नहीं होने वाला है। हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने प्रदेश का वातावरण खराब कर दिया। कभी ज्ञानवापी, कभी मथुरा और अब अजमेर का मुद्दा उठा रहे हैं। देश में यह सब ठीक नहीं हो रहा है।

Exit mobile version