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बृजलाल ने बाबा साहेब की जयंती पर दी श्रद्धांजलि, अखिलेश और मायावती पर लगाए दलित विरोधी होने के आरोप

Brijlal paid tribute to Baba Saheb on his birth anniversary, accused Akhilesh and Mayawati of being anti-Dalit

लखनऊ, 18 अप्रैल । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद बृजलाल ने बाबा साहेब को उनकी जयंती पर याद किया। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने डॉ भीमराव अंबेडकर को संविधान का शिल्पी और राष्ट्रवादी बताया। साथ ही, उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर दलितों के साथ भेदभाव और बाबा साहेब का अपमान करने का आरोप लगाया।

बृजलाल ने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान बनाकर दलितों, पिछड़ों और वंचितों को अधिकार दिए, जिसके कारण आज सभी वर्गों को समानता मिली है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बाबा साहेब को प्रताड़ित किया। नेहरू को केवल एक समुदाय की चिंता थी। जब बाबा साहेब ने ओबीसी आयोग बनाने की बात की, तो नेहरू ने मना कर दिया। इससे आहत होकर बाबा साहेब को 10 अक्टूबर 1951 को इस्तीफा देना पड़ा।

बृजलाल ने बाबा साहेब को सच्चा राष्ट्रवादी बताते हुए कहा कि पूरा देश आज उनकी जयंती पर उन्हें याद कर रहा है। उन्होंने सपा और बसपा पर दलितों के प्रति उपेक्षा का आरोप लगाया।

बृजलाल ने कहा कि सपा नेता अखिलेश यादव ने दलितों का अपमान किया। उन्होंने 2016 में गाजियाबाद में हज हाउस के उद्घाटन पर आजम खान द्वारा बाबा साहेब को ‘लैंड माफिया’ कहकर अपमानित करने का उल्लेख किया। अखिलेश ने लखनऊ में बाबा साहेब के नाम वाला ग्रीन गार्डन का नाम बदलकर जनेश्वर मिश्र पार्क कर दिया। मेडिकल कॉलेज से भी उनका नाम हटाया गया।

उन्होंने 2004 में मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में दलितों की जमीन बेचने के लिए डीएम की अनुमति खत्म करने का प्रस्ताव लाने का भी जिक्र किया, जिसे हंगामे के बाद रोका गया।

बृजलाल ने दावा किया कि अखिलेश ने दलित कर्मचारियों को पदावनत किया और प्रमोशन में आरक्षण का बिल रद्द करवाया। सपा ने दलितों पर सबसे ज्यादा अत्याचार किया। थाना अध्यक्ष को हवलदार और एसडीएम को तहसीलदार बनाया गया। यह दलितों का अपमान था।

बसपा प्रमुख मायावती पर भी बृजलाल ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 2007 में मायावती सरकार ने आदेश दिया था कि दलितों के खिलाफ हत्या और बलात्कार जैसे मामलों में एससी-एसटी एक्ट न लगाया जाए। यह संविधान के खिलाफ था। मायावती ने दलित आयोग का नाम बदलकर गलत परंपरा शुरू की। उनके पास दलितों के लिए बोलने का कोई अधिकार नहीं।

बृजलाल ने सभी देशवासियों को बाबा साहेब की जयंती की बधाई दी और उनके योगदान को देश की एकता और समानता की नींव बताया।

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