डबवाली के अबूबशहर गांव में मंगलवार दोपहर को 26 वर्षीय अर्शदीप नामक युवक की नशे की ओवरडोज से मौत हो गई। उसका शव वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के पास एक सिरिंज के साथ मिला, जिससे पता चलता है कि उसकी मौत नशे की ओवरडोज की वजह से हुई है।
उनके परिवार ने बताया कि अर्शदीप पिछले तीन सालों से नशे की लत से जूझ रहा था। उसके बड़े भाई गुरलाभ सिंह के अनुसार अर्शदीप हाल ही में राजस्थान के बीकानेर से लौटा था, जहाँ वह मजदूरी करता था। परिवार का मानना है कि उसने नशा छोड़ दिया था और डबवाली में उसका इलाज चल रहा था। डॉक्टर नियमित रूप से परिवार को उसके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दे रहे थे।
उन्होंने बताया कि शादी के प्रस्ताव मिलने के बावजूद अर्शदीप और उसके परिवार ने उसकी लत के कारण उसे ठुकरा दिया। गुरलाभ ने कहा, “हम किसी लड़की की जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहते थे।” उन्होंने बताया कि उनके गांव में नशीली गोलियां और ड्रग्स आसानी से उपलब्ध हैं और कई लोग खुलेआम इन्हें बेच रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि अबूबशहर गांव में 16 दिनों के भीतर नशे से जुड़ी यह तीसरी मौत है। बताया जा रहा है कि अर्शदीप नशे की गोलियां घोलकर इंजेक्शन लगाता था।
इस स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने हरियाणा सरकार की आलोचना की और बढ़ते ड्रग खतरे के लिए उसकी “लापरवाही” को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ड्रग माफिया बेखौफ होकर काम कर रहा है और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में आरोप लगाया, “युवा अपनी लत को पूरा करने के लिए चोरी, डकैती और हिंसा की ओर रुख कर रहे हैं। सरकार चुपचाप उनके भविष्य को बर्बाद होते हुए देख रही है।”
शैलजा ने आरोप लगाया कि नशा, जो कभी पंजाब के सीमावर्ती इलाकों तक सीमित था, अब पूरे हरियाणा में फैल गया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “स्मैक और इंजेक्शन के जरिए नशीली दवाएं खुलेआम बेची जा रही हैं, यहां तक कि गांवों में भी। कॉलेज और स्कूली छात्र इस जाल में फंस रहे हैं।”
उन्होंने स्थिति को चिंताजनक बताते हुए ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई, नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ाने और नशीली दवाओं के वितरण और उपयोग को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने की मांग की। उन्होंने कहा, “सिरसा में हर महीने एक युवा नशे की वजह से मरता है। हाल की मौतें बताती हैं कि यह संकट कितना बेकाबू हो गया है।”