N1Live National बुद्धदेव भट्टाचार्य की कमी पश्चिम बंगाल में खलेगी : सुकांता मजूमदार
National

बुद्धदेव भट्टाचार्य की कमी पश्चिम बंगाल में खलेगी : सुकांता मजूमदार

Buddhadev Bhattacharya will be missed in West Bengal: Sukanta Majumdar

कोलकाता, 8 अगस्त । पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार सुबह निधन हो गया। भाजपा सांसद और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांता मजूमदार ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कमी राज्य में हमेशा खलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के देहांत की खबर से उन्हें बहुत दुख पहुंचा है। लगभग 11 साल तक पद पर रहे पूर्व मुख्यमंत्री के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आधुनिकता को अपनाने के बारे में उनकी सोच कम्युनिस्ट पार्टी से हटकर थी। लेकिन उनकी सोच और फैसले पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए हितकारी थे। शहरी विकास के लिए भी उन्होंने बहुत काम किया। बुद्धदेव भट्टाचार्य की कमी पश्चिम बंगाल में खलेगी। उनके निधन से राज्य के राजनीतिक क्षेत्र में एक खालीपन आएगा।

उन्होंने कहा, “बुद्धदेव भट्टाचार्य हमेशा अपनी विचारधारा जुड़े रहे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैं और मेरी पार्टी उनका सम्मान करती है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।”

पूर्व मुख्यमंत्री लंबे समय से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित थे। इसके चलते पिछले कुछ साल से वह सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर थे। उन्हें इलाज के लिए कई बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। वह पिछले साल 9 अगस्त को अस्पताल से ठीक होकर घर लौटे थे। गुरुवार सुबह उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद तुरंत डॉक्टर को सूचित किया गया। जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन उनके पाम एवेन्यू स्थित घर पर हुआ। उन्होंने 80 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर मिलने के बाद उनके रिश्तेदारों और राजनीतिक लोग एकत्रित होने शुरू हो गए। राजनीतिक पार्टियों की तरफ से उन्हें श्रद्धांजली दी गई।

बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 को उत्तरी कोलकाता में हुआ था। वह साल 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे। वह भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के पोलितब्यूरो के सदस्य भी रह चुके थे।

Exit mobile version