हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वे उनके निर्देशों का पालन करने में विफल हैं। नतीजतन, उन्होंने साप्ताहिक जनता दरबार लगाना बंद कर दिया है, जिसका उद्देश्य अंबाला छावनी में जनता की शिकायतों का समाधान करना था। इसके अलावा, विज ने सार्वजनिक कार्यों को पूरा करने के लिए आंदोलन शुरू करने और आमरण अनशन पर विचार करने की धमकी भी दी।
उन्होंने कहा, “अधिकारी आदेशों का पालन नहीं करते। मैंने साप्ताहिक जनता दरबार लगाना बंद कर दिया है और शिकायत समिति की बैठकों में भी शामिल होना बंद कर सकता हूं। अंबाला छावनी के लोगों ने मुझे सात बार चुना है और अगर जरूरत पड़ी तो जगजीत सिंह दल्लेवाल की तरह अपने काम करवाने के लिए आमरण अनशन पर बैठेंगे।”
यह पहली बार नहीं है जब विज ने सार्वजनिक तौर पर अपनी सरकार और अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की हो। इससे पहले पिछले साल विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं और अधिकारियों पर उनके खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था।
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