अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) वीरेंद्र सहरावत की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला मलेरिया नियंत्रण समिति की एक बैठक हुई। बैठक का उद्देश्य डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए विभिन्न सरकारी विभागों की योजनाओं की समीक्षा करना था। एडीसी ने घोषणा की कि इस संबंध में 25 सितंबर से एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर कहीं भी मच्छरों का लार्वा पाया गया, तो जिम्मेदार व्यक्ति पर जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सभी विभाग हर शुक्रवार को कूलर और पानी के कंटेनर साफ करें, जिसे “शुष्क दिवस” के रूप में मनाया जाएगा। सहरावत ने कहा कि सभी विभागों को मिलकर इन बीमारियों से लड़ना होगा।
उन्होंने कहा कि स्वच्छता और जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सुझाव दिया कि स्कूलों में सुबह की प्रार्थना के दौरान या कक्षाओं में बच्चों को मलेरिया और डेंगू के बारे में पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बाद बच्चे यह जानकारी अपने परिवार और पड़ोसियों के साथ साझा कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर महिलाओं को शिक्षित करना चाहिए। उन्हें लोगों को बताना चाहिए कि कूलरों, गमलों, पुराने टायरों या छतों पर पानी जमा न होने दें, क्योंकि ये मच्छरों के प्रजनन के सामान्य स्थान हैं। एडीसी ने जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी को गाँवों में नालियों की नियमित सफाई सुनिश्चित करने और फॉगिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को स्वच्छ रखना सभी विभागों का कर्तव्य है।सिविल सर्जन डॉ. महेंद्र कुमार भादू, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. गौरव अरोड़ा और महामारी विशेषज्ञ डॉ. संजय ने भी डेंगू की स्थिति और ऐसी बीमारियों से बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी।