N1Live Haryana अभियान समाप्त, दिग्गजों द्वारा अंतिम प्रयास
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अभियान समाप्त, दिग्गजों द्वारा अंतिम प्रयास

Campaign ends, last effort by veterans

चंडीगढ़, 24 मई हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महेंद्रगढ़ में रैली और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की पानीपत में जनसभा के साथ समाप्त हो गया।

अगले दो दिनों तक कोई रैली या बैठक नहीं होगी, हालांकि उम्मीदवार घर-घर जाकर प्रचार कर सकते हैं। मतदान 25 मई को होगा।

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि लोकसभा चुनाव के लिए पोलिंग पार्टियां कल अपने मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी। उन्होंने कहा कि यदि कोई असामाजिक तत्व या कोई राजनीतिक दल अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर इन पोलिंग टीमों की ड्यूटी में बाधा डालने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अग्रवाल ने बताया कि पोलिंग पार्टियों का पहला रैंडमाइजेशन 24 अप्रैल को हुआ था और 6 मई को उनकी ट्रेनिंग पूरी हो गई थी। दूसरा रैंडमाइजेशन और ट्रेनिंग क्रमश: 10 मई और 19 मई को पूरी हो गई। अब कल ये सभी पोलिंग पार्टियां अपने निर्धारित मतदान केंद्रों पर रवाना होंगी। उन्होंने बताया कि 25 मई को लोकसभा चुनाव और करनाल विधानसभा उपचुनाव होंगे। मतदान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

उन्होंने कहा कि मतदान केन्द्र पर किसी व्यक्ति द्वारा दुर्व्यवहार या पीठासीन अधिकारी के वैध निर्देशों की अवहेलना करने पर ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी द्वारा उस व्यक्ति को मतदान केन्द्र से हटाया जा सकता है।

मतदान केंद्र से हटाए गए किसी भी व्यक्ति को पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना मतदान केंद्र में दोबारा प्रवेश करने पर गिरफ्तार किया जा सकता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 132 के तहत उसे तीन महीने की कैद या जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि यदि किसी मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी को यह विश्वास हो कि किसी व्यक्ति ने मतदान केंद्र से मतपत्र या ईवीएम को बाहर निकाल दिया है, तो वह ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है या पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार करने का निर्देश दे सकता है तथा उसकी तलाशी ले सकता है या पुलिस अधिकारी से उसकी तलाशी करवा सकता है। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135 के तहत ऐसे व्यक्ति को एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

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