गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (GJUST), हिसार की महिला प्रकोष्ठ ने महिलाओं के विरुद्ध हिंसा से निपटने तथा उनके अधिकारों और हकों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए यूजीसी की पहल के तहत ‘लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन’ पर जागरूकता अभियान चलाया। यह अभियान महिलाओं के विरुद्ध हिंसा के उन्मूलन के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (25 नवंबर) से शुरू हुआ तथा मानवाधिकार दिवस (10 दिसंबर) को समाप्त होगा। प्रकोष्ठ ने सोमवार को विश्वविद्यालय शिक्षण विभागों (यूटीडी) के छात्रों और विद्वानों के लिए पोस्टर-मेकिंग और नारा लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया।
कुलपति प्रोफेसर नरसी राम बिश्नोई ने कार्यक्रम के आयोजन के लिए महिला प्रकोष्ठ को शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस तरह के अभियान छात्रों को समावेशिता और विविधता की संस्कृति के बारे में संवेदनशील बनाकर लैंगिक समानता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो सभी प्रकार की हिंसा का जवाब देने के लिए एक महत्वपूर्ण शर्त है।
कार्यक्रम के निर्णायक सांस्कृतिक मामलों की निदेशक प्रोफेसर हिमानी शर्मा थीं; डॉ गीतू धवन, सहायक प्रोफेसर, हिंदी विभाग; और डॉ. साक्षी जैन, सहायक प्रोफेसर, अंग्रेजी और विदेशी भाषा विभाग।
महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष प्रो. दीपा मंगला ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने लैंगिक समानता को सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के रूप में अपनाया है। इस दिशा में काम करते हुए प्रकोष्ठ ने इन गतिविधियों का आयोजन किया। उन्होंने बताया कि पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में बायोटेक्नोलॉजी विभाग की कनिका, पलक और इंटीग्रेटेड बीकॉम-एमकॉम की आरती ने क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया। स्लोगन लेखन प्रतियोगिता में एचएसबी की शोध छात्रा प्रियंका और एचएसबी की मनीषा ने क्रमश: पहला और दूसरा स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम का समन्वय डॉ. तरुणा गेरा और डॉ. सुनीता ने किया।