जिला बाल संरक्षण इकाई ने चाइल्डलाइन के सहयोग से चंबा जिले की मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चों के पुनर्वास तथा उन्हें शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के लिए अभियान शुरू किया है।
एक संयुक्त टीम झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की पहचान करने तथा शिक्षा प्रणाली में उनका एकीकरण सुनिश्चित करने के लिए महीने में दो-तीन बार निरीक्षण करेगी।
प्लास्टिक कचरा बेचने वाले बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। टीम ने गुरुवार को चंबा शहर के निकट सुल्तानपुर और माई का बाग इलाकों का निरीक्षण किया और माता-पिता की देखभाल के बिना रह रहे बच्चों की तलाश की। हालांकि, अभियान के पहले दिन ऐसा कोई बच्चा नहीं मिला।
टीम ने निवासियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी तथा उनसे आग्रह किया कि वे ऐसे किसी भी बच्चे के बारे में टोल-फ्री चाइल्डलाइन नंबर 1098 पर कॉल करके अधिकारियों को सूचित करें।
अभियान के दौरान चाइल्डलाइन समन्वयक कपिल शर्मा और आउटरीच कार्यकर्ता बबली देवी मौजूद थीं। बाल संरक्षण अधिकारी रिंकू शर्मा ने बताया कि अभियान का उद्देश्य झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों की पहचान कर उनका पुनर्वास करना है।
उन्होंने कहा कि विभाग की टीम इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सक्रिय रूप से निरीक्षण कर रही है।