तकनीकी ग्रेड यूरिया की आड़ में सब्सिडी वाले कृषि ग्रेड यूरिया की आपूर्ति करने के आरोप में दो फर्मों पर मामला दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई तकनीकी ग्रेड यूरिया के दो नमूनों के फेल हो जाने के बाद की गई, क्योंकि उक्त नमूनों की रिपोर्ट में ‘नीम तेल’ (कृषि ग्रेड यूरिया नीम लेपित होता है) की मात्रा पाई गई थी।
हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, यमुनानगर के विषयवाद विशेषज्ञ हरीश पांडे की शिकायत पर मैसर्स पॉपलर वुडक्राफ्ट, यमुनानगर तथा मैसर्स शुभम केमिकल्स एंड सॉल्वेंट्स लिमिटेड, दिल्ली के खिलाफ सदर थाना, यमुनानगर में मामला दर्ज किया गया है।
एफआईआर के अनुसार, विषय वस्तु विशेषज्ञ ने 19 मार्च, 2024 को प्लाइवुड फैक्ट्री मेसर्स पॉपलर वुडक्राफ्ट से तकनीकी ग्रेड यूरिया का नमूना लिया था। लैब रिपोर्ट के अनुसार, नमूने में नीम के तेल की मात्रा पाई गई। कृषि विभाग ने 4 अप्रैल, 2024 को फर्म को नोटिस जारी किया।
अपने जवाब में फर्म ने कृषि विभाग को बताया कि उक्त तकनीकी ग्रेड यूरिया उन्हें मेसर्स शुभम केमिकल्स एंड सॉल्वेंट्स लिमिटेड, दिल्ली द्वारा आपूर्ति की गई थी। बाद में जगाधरी की एक अदालत के निर्देश पर पॉपलर वुडक्राफ्ट से तकनीकी ग्रेड यूरिया का एक और नमूना लिया गया और जांच के लिए सरकारी प्रयोगशाला में भेजा गया। रिपोर्ट में फिर से नमूने में नीम तेल की पुष्टि हुई।
यमुनानगर के कृषि उपनिदेशक आदित्य प्रताप डबास ने बताया कि तकनीकी ग्रेड यूरिया की आड़ में कृषि ग्रेड यूरिया की आपूर्ति करने के लिए मैसर्स शुभम केमिकल्स एंड सॉल्वेंट्स लिमिटेड तथा उक्त यूरिया का प्रयोग करने के लिए मैसर्स पॉपलर वुडक्राफ्ट के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
आरोप है कि कई प्लाईवुड फैक्ट्रियों के मालिक गोंद बनाने के लिए सब्सिडी वाले कृषि ग्रेड यूरिया का अवैध रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसका इस्तेमाल प्लाईवुड उत्पादों को तैयार करने में चिपकने के रूप में किया जाता है। सब्सिडी वाले कृषि ग्रेड यूरिया (लगभग 266.50 रुपये प्रति बैग) की दरें तकनीकी ग्रेड यूरिया (2,000-3,000 रुपये प्रति बैग) की दरों से बहुत कम हैं।
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