हैदराबाद, 3 जुलाई । भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक पाडी कौशिक रेड्डी पर जिला परिषद की बैठक में हंगामे के बाद मामला दर्ज किया गया है। वह पहले जनप्रतिनिधि हैं, जिन पर तेलंगाना में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के नए कानून के तहत केस दर्ज किया गया है।
करीमनगर के वन टाउन पुलिस स्टेशन ने बुधवार को हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र के विधायक के खिलाफ करीमनगर जिला परिषद की बैठक के दौरान अधिकारियों के काम में बाधा पहुंचाने का केस दर्ज किया।
जिला परिषद के सीईओ श्रीनिवास की शिकायत पर पुलिस ने कौशिक रेड्डी के खिलाफ बीएनएस धारा 221 (लोक सेवक के सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना) और 126 (2) के तहत मामला दर्ज किया।
विधायक ने मंगलवार को जिला परिषद की आम सभा की बैठक के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी के निलंबन की मांग को लेकर धरना दिया था।
बीआरएस नेता और अन्य जिला परिषद प्रादेशिक कमेटी के सदस्य बैठक कक्ष के दरवाजे पर बैठ गए और कलेक्टर पामेला सत्पथी को हॉल से बाहर जाने से रोक दिया। साथ ही उनकी अन्य सदस्यों के साथ बहस भी हुई।
कौशिक रेड्डी डीईओ वी.एस. जनार्दन राव को निलंबित करने की मांग कर रहे थे, क्योंकि उन्होंने हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र स्तरीय शिक्षा बैठक में भाग लेने के लिए मंडल शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी किया था।
बैठक में दोनों गुटों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। एक गुट का नेतृत्व बीआरएस विधायक कर रहे थे, जबकि दूसरे गुट का नेतृत्व जिला परिषद प्रादेशिक कमेटी के गिकुडू रविंदर कर रहे थे, जो बीआरएस टिकट पर चुने गए, लेकिन हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं।