November 23, 2024
Himachal

गोविंद सागर झील में मलबा डालने के लिए एनएचएआई और निर्माण कंपनी पर मामला दर्ज

वन विभाग की शिकायत पर स्वारघाट पुलिस थाने में एनएचएआई के अधिकारियों और किरतपुर-मनाली फोर-लेन सड़क के बिलासपुर खंड का निर्माण करने वाली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पहाड़ी काटने से उत्पन्न मलबा गोविंद सागर झील में डाला गया, जिससे पर्यावरण संबंधी समस्याएं पैदा हो रही हैं।

पता चला है कि यह मामला फोर लेन विस्थापित और राजमार्ग निर्माण के कारण विस्थापित लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम करने वाली संस्था प्रभावित समिति के सदस्यों ने उठाया था। एनजीओ ने जिला प्रशासन के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी और वन विभाग ने मामले को अपने हाथ में ले लिया था। इस मामले में बिलासपुर सदर थाने में एक और एफआईआर दर्ज की जाएगी।

आरोप है कि निर्माण कंपनी और एनएचएआई के अधिकारी पहाड़ी काटने से निकले मलबे और गंदगी को चिन्हित स्थानों पर डालने के बजाय अपनी सुविधानुसार स्थानों पर फेंकते रहे। अपशिष्ट पदार्थ को गोविंद सागर झील में डाला गया, जिससे क्षेत्र में जल प्रदूषण और गंभीर पर्यावरणीय मुद्दे पैदा हुए।

शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया था कि मलबा डालने के कारण मछलियों का उत्पादन कम हो गया है, जिससे हजारों मछुआरों की आर्थिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। वन विभाग ने मलबा डालने के लिए निर्माण कंपनी पर जुर्माना लगाया और मामला बंद कर दिया।

बाद में मदन शर्मा ने दोषी फर्म और एनएचएआई के खिलाफ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर ही हिमाचल पुलिस और राज्य सरकार ने मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कदम उठाया। पता चला है कि उच्च न्यायालय ने मुख्य सचिव से पूछा था कि राज्य सरकार सिर्फ जुर्माना क्यों वसूल रही है और बांध में मलबा डालने वालों पर मुकदमा क्यों नहीं चला रही है।

बिलासपुर के प्रभागीय वन अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि वन विभाग ने सड़क निर्माण कंपनी पर 10 लाख रुपए का हर्जाना/शुल्क लगाया है। उन्होंने बताया कि मामले में एफआईआर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के निर्देश पर दर्ज की गई है।

बिलासपुर एसपी संदीप धवन ने बताया कि वन अधिकारियों की शिकायत पर स्वारघाट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है, जबकि बिलासपुर सदर थाने में भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने बताया कि निर्माण कंपनी और एनएचएआई के उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो फोर-लेन सड़क के निर्माण के दौरान यहां तैनात थे और जब अवैध रूप से अनिर्दिष्ट स्थानों पर मलबा डाला गया था।

Leave feedback about this

  • Service