पानीपत, 15 जून जाम हुए नालों को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया ने शुक्रवार को अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर शहर में एनएच-44 पर जलभराव की कोई शिकायत मिली तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अगर डेयरी मालिक नालों में गोबर बहाते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
उपायुक्त दहिया ने शुक्रवार को शहर में एनएच-44 तथा ड्रेन नंबर-1 के साथ लगते नालों की सफाई प्रक्रिया की समीक्षा की। उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों तथा एलएंडटी के अधिकारियों के साथ कीचड़ व गाद से भरे नालों का जायजा लिया।
पानीपत डीसी ने सफाई अभियान की समीक्षा की उपायुक्त वीरेंद्र कुमार दहिया ने शुक्रवार को अधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि शहर में एनएच-44 पर जलभराव की कोई शिकायत मिली तो अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने राजस्व अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण संबंधी अपनाई गई व्यवस्थाओं पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए।
रेडक्रॉस सोसायटी कार्यालय के पास अव्यवस्थाएं मिलने पर उन्होंने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके बाद उन्होंने जिनवाणी स्कूल, संजय चौक, शिव नगर, एसबीआई चौक के पास नालों की सफाई का जायजा लिया और नालों की सफाई में अव्यवस्थाएं पाईं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात के दिनों में एनएच-44 पर पानी जमा होने से बचाने के लिए नालों की सफाई ठीक से की जाए।
डीसी दहिया ने शिव नगर के पास नाके का निरीक्षण किया और नाले की खस्ता हालत को देखते हुए अधिकारियों को तुरंत सफाई करवाने और नाले पर जाल लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के पास बहने वाले नाले नंबर 1 का दौरा किया और जल्द से जल्द इसकी सफाई करवाने के निर्देश दिए, क्योंकि यह शहर की लाइफलाइन मानी जाती है। यह शहर के बीचों-बीच बहता है, लेकिन इसमें गाद और कचरा भरा हुआ है।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि नाले की सफाई सही ढंग से नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वह नहीं चाहते कि एनएच-44 पर दोनों तरफ बहने वाले नालों में किसी प्रकार की बाधा के कारण जलभराव हो।
उन्होंने राजस्व अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ नियंत्रण संबंधी अपनाई गई व्यवस्थाओं पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए।