यहां की एक सीबीआई अदालत ने गुरुवार को पंजाब पुलिस के निलंबित डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने भुल्लर की भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तारी के 11 दिन बाद, 29 अक्टूबर को मामला दर्ज किया था। भुल्लर और उनके कथित सहयोगी, किरशानु शारदा को 16 अक्टूबर, 2025 को एक शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
सीबीआई के अनुसार, भुल्लर कथित तौर पर मंडी गोविंदगढ़ के एक कबाड़ व्यापारी से शारदा के माध्यम से अवैध भुगतान की मांग कर रहा था। गिरफ्तारी के बाद, एजेंसी ने भुल्लर से जुड़े विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। तलाशी के दौरान बरामद संपत्तियों के आधार पर, सीबीआई ने उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का एक अलग मामला दर्ज किया।
एजेंसी ने दावा किया कि जांच के दौरान उसने भारी मात्रा में नकदी जब्त की। सोने के आभूषण, चांदी के गहने और 26 ब्रांडेड और महंगी घड़ियां भी बरामद की गईं। अचल संपत्तियों से संबंधित दस्तावेज भी जब्त किए गए।
निलंबित डीआईजी के वकील एसपीएस भुल्लर ने तर्क दिया कि चूंकि सीबीआई पहली एफआईआर दर्ज करने के 60 दिनों के भीतर आरोपपत्र दाखिल करने में विफल रही, इसलिए आरोपी कानून के तहत जमानत के हकदार हैं। उन्होंने तर्क दिया कि जमानत की अवधि पहली एफआईआर दर्ज होने की तारीख से गिनी जानी चाहिए, क्योंकि आय से अधिक संपत्ति का मामला मूल भ्रष्टाचार मामले की ही एक शाखा है।
हालांकि, लोक अभियोजक नरेंद्र सिंह ने जमानत याचिका का विरोध किया। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने भुल्लर की जमानत याचिका खारिज कर दी।

