सीबीआई ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीपीसीएल) के मुख्य अभियंता विमल नेगी की मौत के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है।
विमल नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे। उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर जिले में गोविंद सागर झील में मिला था। उनकी पत्नी ने शिमला में शिकायत दर्ज कराई थी कि एचपीपीसीएल के निदेशक (इलेक्ट्रिकल) देशराज पिछले छह महीने से उनके पति पर दबाव बना रहे थे।
हिमाचल प्रदेश पुलिस ने आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया और शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी के नेतृत्व में एसआईटी मामले की जांच कर रही थी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ने भी मामले की जांच की थी और 8 अप्रैल को सरकार को 66 पृष्ठों की तथ्यान्वेषी जांच रिपोर्ट सौंपी थी।
हालांकि, विमल नेगी का परिवार पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं था और उन्होंने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति अजय गोयल की अगुवाई वाली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 23 मई को नेगी की पत्नी किरण नेगी की याचिका स्वीकार कर ली और मामले की जांच राज्य पुलिस की एसआईटी से सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया।
जांच की निष्पक्षता के लिए उच्च न्यायालय ने सीबीआई को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया कि हिमाचल प्रदेश कैडर का कोई भी अधिकारी जांच के लिए गठित विशेष जांच दल का हिस्सा नहीं होगा।
अदालत के निर्देश के आधार पर सीबीआई ने फिर से भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3 (5) (अपराध में कई लोगों की संलिप्तता) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। मामले की जांच करने वाली तीन सदस्यीय टीम का नेतृत्व डीएसपी स्तर का अधिकारी करेगा और इसमें एक इंस्पेक्टर और एक सब-इंस्पेक्टर शामिल होगा।