सीबीआई, शिमला ने कल शाम बद्दी के जूडीकलां स्थित एक फार्मा इकाई सहित तीन स्थानों पर छापे मारे। सीबीआई के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र, विश्वासघात तथा कानून के अन्य उल्लंघनों के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि एफआईआर के अनुसार, सीबीआई ने 13 जनवरी को शिमला में नोएल फार्मा, कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक संधरपल्ले वेंकटैया, इसके निदेशक गुंडलुरु मस्तान और दो लोक सेवकों के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी या बेईमानी से ऋण का भुगतान लेनदारों को करने से रोकने के साथ-साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय एजेंसी को इससे पहले 2 मई, 2024 को एसबीआई के बद्दी स्थित सहायक महाप्रबंधक से एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि नोएल फार्मा प्राइवेट लिमिटेड ने अपने निदेशकों संधरपल्ले वेंकटैया और गुंडलुरु मस्तान के माध्यम से कुछ लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के साथ कथित रूप से मिलीभगत की।
इसमें कहा गया है कि उन्होंने बैंक के साथ धोखाधड़ी की, संपार्श्विक संपत्तियों का निपटान किया, बैंक की सहमति के बिना उन्हें गिरवी रखा तथा उसकी आय का उपयोग अपने उद्देश्य के लिए किया, तथा उसे ऋणदाता बैंक में जमा नहीं कराया।
एफआईआर में कहा गया है, “धन की इस हेराफेरी से सरकारी खजाने को 33 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।”
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